गरियाबंद

सहकारी समितियों की हड़ताल को गंभीरता से नहीं ले रही भूपेश सरकार-संदीप
22-Nov-2021 4:29 PM
सहकारी समितियों की हड़ताल को गंभीरता से नहीं ले रही भूपेश सरकार-संदीप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 22 नवंबर।
भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभाारी संदीप शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि प्रदेशभर में धान खरीदी करने वाली 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल को प्रदेश सरकार कतई गंभीरता से नहीं ले रही है। इस हड़ताल के चलते इस वर्ष फिर किसानों को अपनी उपज सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।  श्री शर्मा ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष प्रदेश सरकार किसानों के साथ षड्यंत्र करने से बाज आए और यह सुनिश्चित करे कि किसान समर्थन मूल्य पर अपना धान बिना किसी परेशानी व प्रताडऩा के बेच सकें।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के इस शासनकाल में किसानों को हर बार अपना धान बेचने के लिए बहुत पीड़ा सहनी पड़ी है। किसानों को टोकन देने के बाद भी उनका धान नहीं खरीदना, बारदाने की कमी बताकर किसानों को तकलीफ देना, निर्धारित मात्रा से कम धान खरीदने के लिए रकबा कटौती, रकबा समर्पण जैसे षड्यंत्र रचना इस नाकारा प्रदेश सरकार की धान खरीदी नीति की कुल जमा उपलब्धि है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों से त्रस्त होकर प्रदेश के लगभग 550 किसानों को पिछले तीन साल के कांग्रेस शासनकाल में आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है। बावजूद इसके, प्रदेश सरकार पुरानी गल्तियाँ दुहरा रही है। श्री शर्माा ने कहा कि सहकारी समितियों के कर्मचारी लंबे समय से हड़ताल पर हैं, जिन पर किसानों के पंजीयन और धान खरीदी का सारा दारोमदार होता है। प्रदेश सरकार इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए कोई समाधानकारी पहल जान-बूझकर नहीं कर रही है। श्री शर्मा ने चेतावनी दी कि प्रदेश सरकार के किसान-विरोधी चरित्र के चलते अगर इस बार किसानों को धान बेचने में जरा भी कठिनाई हुई तो भाजपा किसाानों को साथ लेकर प्रदेश सरकार की बदनीयती का माकूल जवाब देगी।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि किसानों का धान खरीदकर सरकार किसानों पर कोई उपकार नहीं करती है, किसान खून-पसीना एक करके खेतों में फसल लेता है और इसके एवज में वह चाहता है कि सरकार की ओर से किए गए वादों के मुताबिक उसे कुछ मूलभूत सुविधाएँ मिलें, लेकिन प्रदेश सरकार अपने वादों के ठीक उलट काम कर रही है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार न तो ठीक से धान खरीदती है, न ही पूरा धान खरीदती है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की लिमिट हटाने का वादा राहुल गांधी ने किया था, वह लिमिट भी इस सरकार ने अब तक खत्म नहीं की। बारदाने के लिए भी किसानों को यह सरकार तंग करती है, बड़ी कंपनियों को तो बारदाने का ज्यादा पैसा देती है, पर किसानों को उनके बारदाने का कम पैसा देती है।

पंजीयन और अपनी उपज का भुगतान पाने के लिए किसान तकलीफ उठा रहा है। श्री शर्मा ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश के पूर्ववर्ती भााजपा शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने धान खरीदी का जो बढिय़ा सिस्टम बनाया था, कांग्रेस की इस सरकार ने उसे तहस-नहस करके रख दिया है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news