कांकेर

केंद्र सरकार के सात साल के कार्यकाल में महंगाई का 70 साल का रिकार्ड तोड़ा-प्रमोद
24-Nov-2021 9:24 PM
केंद्र सरकार के सात साल के कार्यकाल में महंगाई का 70 साल का रिकार्ड तोड़ा-प्रमोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर,  24 नवंबर।
केंद्र की भाजपा सरकार के सात साल के कार्यकाल में महंगाई का 70 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। महंगाई की मार से आम जनता की कमर टूट गई है। मोदी सरकार की अकर्मण्यता और मुनाफाखोरी की नीति से मंहगाई के कारण देश की जनता त्राहि-त्राहि हो चुकी है। इससे राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है, जबकि चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने सरकार योजना बना रही है।

उक्त बातें कांग्रेस नेता रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर व सभापति प्रमोद दुबे ने कांकेर में पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि देश में बिकने वाली दालें व तेल  का 70 फीसदी हिस्सेदारी सिर्फ एक ही उद्योगघराने अडानी का है। देश में उत्पादित कोयले का अधिकांश एकाधिकार भी अडानी का है। श्री दुबे ने महंगाई बढऩे का पांच महत्वपूर्ण कारण में से नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक कुप्रबंधन, निजीकरण  और विदेष नीति की असफलता को बताया।

उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में 2013 में पेट्रोल की कीमत 71.41 रु. थी, जबकि कच्चा तेल 141 डालर प्रति बैरल था। तब एक्साइज ड्यूटी 9.48 रु. था। वहीं आज भाजपा की सरकार में पेट्रोल 102 रु. लीटर  हो गया है। जबकि कच्चा तेल की कीमत 82 डालर प्रति बैरल है। क्रेंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को भी दुगुनी कर 27.90रु. कर दिया है। इसी तरह डीजल के भाव मेंअंतर बहुत अधिक है। यूपीए के कार्यकाल में 51 रु. प्रति लीटर था। जो आज 94 रु. लीटर हो गया है। जबकि आज कच्चा तेल का भाव भी काफी कम है। इसी तरह कामर्सियल सिलेंडर का  यूपीए सरकार में 1370 रु. था जो आज 2 हजार रुपए पहुंच गया है। वहीं घरेलू सिलेंडर का भाव भी 410 रु. से 1000 रु. पहुंच गया है।

श्री दुबे ने सरसों, सोयाबीन आदि तेलों और दालों के भाव का जिक्र करते हुए कहा कि यूपीए सरकार में जो भाव था उससे दो से तीन गुना केंद्र की भाजपा सरकार के कार्यकाल में बढ़ा हुआ है। श्री दुबे ने कहा कि पिछले सात साल में  नहाने के साबुन में 32 प्रतिषत, धोने के साबुन  में 40 प्रतिषत, कपड़ों के दामों में 58 प्रतिषत, जूतों के दामों में 25 प्रतिषत, सोना और चांदी लगभग दोगुना मंहगा हो गया है। भवन निर्माण सामग्रियों की लागत दो गुना हो चुका है। रासायनिक खादों की कीमतों में दो गुना की वृद्धि हो चुकी है।

रेल टिकट दो गुना , बस भाड़े में बेतहासा वृद्धि हुई है।

कापी किताब स्टेशनरी , बर्तनों के भाव, आलू प्याज, आदि षाक सब्जियों के  भाव बेतहासा बढ़ गए हैं। मालभाड़ा बढऩे से सभी आवश्यक वस्तुओं का भाव आसमान चढ़ गया है। जिससे आमआदमी का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे निजात पाने  सरकार बदलने की आवश्यकता होगी।

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