राजनांदगांव
वार्ड उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों की सांगठनिक क्षमता की होगी परीक्षा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 नवंबर। राजनांदगांव नगर निगम का वार्ड नं. 17 कांग्रेस के लिए हमेशा एक अभेद गढ़ रहा है। यानी कांग्रेस को इस वार्ड में हर चुनाव में भाजपा के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी है। नगर निगम के चुनाव इतिहास में इस वार्ड में भाजपा का ही डंका बजता रहा है। हालांकि अब राजनीतिक हालात बदल गए हैं। राज्य और नगर निगम में कांग्रेस के सत्तासीन होने से भाजपा को वार्ड के उपचुनाव में एडी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। भाजपा अंदरूनी कलह से जूझ रही है। ऐसे में भाजपा के सांगठनिक नेताओं की इस चुनाव के बहाने क्षमता की भी परख होगी। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए भी भाजपा से सीट छीनना एक कठिन चुनौती होगी।
नगर निगम के इतिहास में भाजपा सिलसिलेवार कांग्रेस को मात देकर अपना वजूद बनाए रखी है। इस वार्ड में ताकत झोंकने के लिए दोनों दल सियासी रणनीति बनाकर नामांकन दाखिले के साथ ही आमने-सामने होंगे। इस उपचुनाव में कांग्रेस हर हाल में जनसमुदाय के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के इरादे से भाजपा को पराजित करने की कोशिश करेगी। भाजपा भी कांग्रेस से मुकाबला करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। अप्रत्यक्ष रूप से महापौर हेमा देशमुख के साथ-साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा की भी चुनाव में साख दांव पर है। यानी संगठन के प्रमुख होने की वजह से चुनावी कमान छाबड़ा के हाथों होगी। जबकि नगर निगम की मुखिया होने की वजह से श्रीमती देशमुख को भी असल परीक्षा देनी होगी।
भाजपा के जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव के सांगठनिक कार्यकाल का यह पहला उपचुनाव है। वह भी अपनी पार्टी के कब्जे वाले इस वार्ड को किसी भी सूरत में हाथ से गंवाना नहीं चाहेंगे। नगर निगम में सत्तारूढ़ होने के बाद कांग्रेस पहली बार उपचुनाव के जरिये भाजपा से भिड़ेगी। जाहिर तौर पर नगर निगम में पिछले दो साल में हुए विकास कार्यों की बदौलत उपचुनाव में जीत हासिल करने कांग्रेस पूरा जोर लगाएगी। 27 नवंबर से नामांकन दाखिले के बाद सियासी घमासान शुरू होगा। यह चुनाव दोनों राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।
रमन के कार्यकाल के नाकामियों और केंद्र के गलत नीतियों पर लडेंगे चुनाव-छाबड़ा
शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनविरोधी नीतियों को एक बड़ा मुद्दा बनाकर भाजपा को आसानी से मात देने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि 15 साल में विकास कार्य ठप रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 3 साल के कार्यकाल से समूचे राज्य में विकास की धारा बह रही है। उपचुनाव में सरकार के पक्ष में ही जनता वोट करेगी। न सिर्फ राजनांदगांव, बल्कि पूरे राज्य में कांग्रेस के पक्ष में लहर है।
विकास के मुद्दे पर कांग्रेस के हाथ खाली -किशुन
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने उपचुनाव में भाजपा की जीत तय होने का दावा करते कहा कि विकास के मुद्दों को लेकर कांग्रेस के हाथ खाली हैं। राज्य और नगर निगम की जनता को याद नहीं है कि कांग्रेस ने कोई उपलब्धियां हासिल की हो। वार्डों की हालत खस्ता हो चुकी है। विकास कार्य सिर्फ जुबानी ही चल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से वार्ड नं. 17 रिक्त है। ऐसे में किसी भी सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने वार्ड में झांकना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा के पक्ष में आए नतीजों की तरह इस बार भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ेगा।