कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 27 नवंबर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भले ही राजनैतिक दलोंं ने बहिष्कार की घोषणा कर रखी हो, परन्तु प्रमुख राजनैतिक दलों ने चुनाव प्रभारी नियुक्त कर स्थानीय नेताओं पर चुनाव में उतरने का दबाव बना दिया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों दल चुनावी तैयारियों में जुट गए है, बस इंतजार ये हो रहा है कि पहल कौन करता है। इन सबके बावजूद भाजपा के लिए चुनाव आसान नहीं है।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर में नगरीय चुनाव 20 दिसंबर को होना है। कोरिया बचाओ मंच के बैनर तले सभी राजनैतिक दलों ने 63 दिन धरना प्रदर्शन किया, और जब कोरिया से अलग हुए नवीन जिले के अधिसूचना जारी हुई तो भाजपा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेंशाध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया। परन्तु अब नामांकन पत्र दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही चुनावी हलचल तेज हो गई है।
मुद्दों पर रहा विपक्ष मौन
भाजपा के कार्यकाल में कांग्रेस ने बैकुंठपुर और चरचा शिवपुर नगर पालिका पर कब्जा जमाया था, 2019 से अब तक कांग्रेस के तीन साल के का कार्यकाल में भाजपा की मजबूत विपक्ष की भूमिका में कम दिखाई दी। दोनों ही पालिकाओं में कांग्रेस के खिलाफ अपेक्षाकृत विरोध प्रदर्शन कम हुए हैं।
अब तक कांग्रेस की नपा सरकार में नगरीय क्षेत्रों में समस्याओं को अंबार रहा है, वर्ष 2019 में सरकार आते ही रेत के दाम आसमान छूने लगे, भाजपा ने बड़े विरोध करने का ऐलान किया। बावजूद भाजपा, कांग्रेस घेरने में नाकाम रही है।
इसी तरह बीते 4 वर्षो से शहर को जगह जगह खोद कर जल आवर्धन योजना की पाईप लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार पर मनमानी का आरोप लगा, लेकिन भाजपा इस मुद्दे को लपकने में नाकामयाब रही। शहर के कुछ जागरूक नागरिकों ने कलेक्टर को तकनीकी त्रुटियों के साथ शिकायत की, जिसके बाद से ठेकेदार ने शहर भर में खोदे गढ्ढों को व्यवस्थित ढंग से भरना शुरू किया, लोगों को गढ्ढोंं से निजात मिला। छोटी-छोटी समस्याओं के प्रति भाजपा नेताओं का उदासीन रवैया चुनाव में भारी पड़ सकता है। जबकि प्रदेश में सरकार होने का फायदा मिल सकता है।