बस्तर

स्वसहायता समूह को पोषण आहार बनाने से न करे बेदखल, बाफना ने सीएम को लिखा पत्र
29-Nov-2021 6:31 PM
स्वसहायता समूह को पोषण आहार बनाने से न करे बेदखल, बाफना ने सीएम को लिखा पत्र

जगदलपुर, 29 नवंबर। प्रदेश की कॉग्रेस सरकार के द्वारा पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) तैयार करने वाली महिला स्व. सहायता समूह से काम छीनकर स्वचलित मशीनों के जरिए पोषण आहार का उत्पादन करने के फैसले को जगदलपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने महिला विरोधी फैसला बताते हुए सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को पत्र लिखकर महिलाओं को इस कार्य से बेदखल न करने संबंधी पत्र लिखा है।

बाफना ने अपने पत्र में कहा है कि महिला स्व. सहायता समूह जो आज नारी शक्ति के रूप में अपनी सक्रियता से सामाजिक और आर्थिक सश्क्तिकरण में अग्रणी रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, साथ ही अपने समूह को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही हैं। तो दूसरी ओर कॉग्रेस सरकार के फैसले से प्रदेशभर की 30 हजार स्व. सहायता समूह की बहनों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है।

जबकि सरकार को समूह की माताओं-बहनों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ उन्हें रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध कराने चाहिए व हर संभव सहयोग देकर उनके कामकाज को विस्तार देते हुए उन्हीं के द्वारा तैयार किये गए उत्पादों को सरकारी और निजी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर वृहद बाजार से जोडऩे का कार्य किया जाना चाहिए। ताकि उचित दाम में उत्पाद सीधा खरीदा या बेचा जा सके, जिसका फायदा समूह के सभी सदस्यों को अधिक से अधिक होता। किन्तु सरकार ने समूह से पूरक पोषण आहार निर्माण करने का कार्य जिसके जरिए उनका व उनके परिवार का जीवन चलता है, उनसे यह कार्य छीनना अधिक महत्वपूर्ण समझा है।

सरकार ने इस योजना को संचालित करने के लिए स्वचलित संयंत्र स्थापित करके इसका निर्माण करने की बात कहीं है जो कहीं न कहीं इस कार्य में ठेकेदारी व्यवस्था को शुरू करने का साफ इशारा है। केवल गुणवत्ता में कमी बताकर महिला सदस्यों ने उनका रोजगार छीनना व पूरी व्यवस्था को बदलकर अपने किसी चहेते को यह पूरा कार्य देना उचित नहीं है।

पूर्व विधायक संतोष बाफना ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह करते हुए कहा है कि, पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) तैयार करने की योजना से महिला स्व. सहायता समूह को बेदखल करने का फैसला लिया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से वापस लेकर पूरानी व्यवस्था के अनुरूप ही योजना को संचालित किया जाये। और उन्हें रोजगार के एक नहीं बल्कि अनेक अवसर उपलब्ध कराये जाए। यदि आपकी सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती, तो प्रदेशभर की स्व. सहायता समूह की समस्त माताओं-बहनों के साथ मजबूती के साथ खड़े रहकर सरकार के विरोध में आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेवारी भी सरकार की होगी।
 

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