रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी प्रत्यारोपण फॉलोअप क्लिनिक का शुभारंभ हुआ। इस क्लिनिक की सुविधा शुरू होने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट करवाने वाले रोगियों को अब बाहर किसी अन्य शहर में फॉलोअप के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एम्स का नफ्रोलॉजी विभाग यह सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही एम्स में अंग प्रत्यारोपण की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। इस संबंध में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही पूरी होते ही अंगों का प्रत्यारोपण प्रारंभ कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने अंगदान के लिए और अधिक जागरूकता फैलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अभी भी मृत शरीर या ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान करने के लिए आवश्यक जानकारी सामान्य वर्ग को उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष लगभग दो लाख लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट और 50 हजार को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। ऐसे में आमलोगों को जागरूक बनाकर उन्हें ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए प्रेरित करना होगा।
उन्होंने इस संबंध में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एम्स में इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। सरकार से मंजूरी मिलते ही ट्रांसप्लांट प्रारंभ कर दिया जाएगा।
विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर के निर्देशन में किडनी दान करने वालों और रोगियों के साथ संवाद किया गया। इसमें अंगदान करने वालों ने बताया कि वह पूर्व के समान ही जीवनयापन कर रहे हैं। इससे उनके परिजन को जरूर एक नई जिंदगी मिल गई। कुलसचिव डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के विषय में बताया। डॉ. नीता मिश्रा ने क्रानिया ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में प्रो. सोमेन मिश्रा, डॉ. सुब्रतो सिंघा, डॉ. अंकुर श्रीवास्तव, डॉ. अभिरूचि गल्होत्रा आदि ने भी भाग लिया।
इससे पूर्व नेफ्रोलॉजी विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के द्वारा वॉकाथान का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने अंगदान के प्रति जागरूकता पैदा की।
इस अवसर पर एक पोस्टर प्रदर्शनी भी आयोजित हुई जिसमें रोगियों और उनके परिजनों को अंगदान के बारे में कई उपयोगी जानकारियां प्रदान की गई।