दुर्ग

बारदाना संकट में किसान सरकार के साथ
30-Nov-2021 6:37 PM
बारदाना संकट में किसान सरकार के साथ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 30 नवंबर।
धान खरीदी के लिए समितियों में आज से टोकन जारी करना शुरू हो गया है। समितियों में टोकन लेने गए किसानों को 50 प्रतिशत बारदाना मंगाए जाने की बात को लेकर रोष व्याप्त है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने इस पर कहा है कि बारदाना संकट में किसान सरकार के साथ है मगर किसानों से 50 प्रतिशत बारदाने की अनिवार्यता बर्दाश्त नहीं करेंगे।

किसानों का कहना है कि राज्य शासन ने धान की खरीदी करने के लिये बारदाने के कमी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत धान की खरीदी किसानों के बारदानों में करने का निर्णय लिया है। सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया है कि यह ऐच्छिक होगा और ऐसा करने के लिए किसानों पर दबाव नहीं डाला जाएगा, मगर 1 दिसंबर से धान खरीदी करने के लिए जिला में आज किसानों को टोकन जारी किया गया है।

कुछ समितियों में लिखित निर्देश के बिना ही किसानों से 50 प्रतिशत बारदाने उपलब्ध कराने के लिए कहा जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के जिला अध्यक्ष उत्तम चंद्राकर, जिला महासचिव बद्रीप्रसाद पारकर, कोषाध्यक्ष बाबूलाल साहू और दुर्ग ब्लॉक के अध्यक्ष परमानंद यादव ने कहा है कि बारदाना के संकट के मामले में किसान सरकार के साथ है और सहयोग भी करने के लिये तैयार हैं मगर अनिवार्यता के लिए दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

किसान संगठन के नेताओं ने कहा है कि जिले में धान खरीदी का लक्ष्य पूरे करने के लिए 1 करोड़ बारदानों की जरूरत है और सरकार के पास स्टाक में 70 लाख बारदाना उपलब्ध है, जिससे 1 माह तक धान की खरीदी करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इस बीच 30 लाख बारदानों की व्यवस्था करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन समितियों में बारदानों के लिए अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। नागपुरा समिति में मौजूद किसानों ने इस बात पर नाराजगी भी जताई। नगपुरा सहकारी समिति के प्रबंधक वीरेन्द्र देशमुख से इस संबंध में चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि रविवार को धान खरीदी को लेकर ट्रायल किया गया। इसमें नया बारदाना में खरीदी सॉ टवेयर में प्रदर्शित नहीं किया गया। सॉफ्टवेयर में किसानों से 50 प्रतिशत बारदाने पर ही खरीदी शो हो रहा है, जिसकी जानकारी उन्होंने टोकन लेने आए किसानों दी है। किसानों को टोकन वितरण किया गया है। उनसे इस संबंध में किसी तरह का कोई सहमति पत्र भी नहीं भराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रोगामर से उक्त मामले में उन्होंने बात भी की थी, जिस पर एनआईसी से पूछकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने कहा गया था मगर अभी भी सॉफ्टवेयर में सुधार नहीं हुआ है। इसलिए किसानों को उन्होंने यह जानकारी दी है।
 

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