सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,30 नवम्बर। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्कूल मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ के तत्वाधान में मंगलवार को स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोइयों की 4 सूत्रीय मांगों को लेकर कला केंद्र मैदान में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं रैली का कार्यक्रम रखा गया था, परंतु वहां उपजे विवाद को लेकर न सिर्फ प्रशासन ने रैली का आदेश निरस्त कर दिया, बल्कि पुलिस ने वहां से प्रदर्शनकारियों का टेंट भी उखड़वा दिया। रसोईया संघ में इस प्रकार की स्थिति पहली बार देखने को मिली।
दरअसल, संभाग भर में छत्तीसगढ़ मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ के द्वारा अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने का कार्य लंबे समय से किया जा रहा है। इस बीच अचानक रायपुर का संगठन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्कूल मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ ने आकर लोगों को इक_ा किया और प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों ही संघ इस दौरान एक-दूसरे पर टूट पड़े। विवाद की स्थिति निर्मित होने पर पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश स्कूल मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ की प्रदेश अध्यक्ष सीमा पदमवार के द्वारा मंगलवार को कला केंद्र में रसोइयों की 4 सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन एवं रैली का कार्यक्रम रखा गया था। इस धरना प्रदर्शन में सरगुजा सहित बैकुंठपुर और सूरजपुर के लगभग 4000 मध्यान भोजन रसोईया विभिन्न साधनों से पहुंचे थे।
धरना स्थल पर पहुंचे रसोइयों ने छत्तीसगढ़ मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ की प्रांत अध्यक्ष यशोदा साहू को ढूंढा, परंतु धरना स्थल पर प्रांत अध्यक्ष की अनुपस्थिति देखकर कई सवाल उनके द्वारा खड़े किए जाने लगे। सूचना मिलने पर प्रांताध्यक्ष यशोदा साहू भी मौके पर पहुंचीं। वहां मौजूद रसोइयों ने यह बात बताई कि उन्हें उनकी प्रांताध्यक्ष के नाम पर यहां बुलाया गया है। इस बीच प्रांत अध्यक्ष यशोदा साहू और दूसरे संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सीमा पदमवार के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई।
प्रदर्शन के दौरान ही प्रांताध्यक्ष यशोदा साहू ने खुले रूप से यह बात कही कि उनके नाम से रसोइयों को बुलाकर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्कूल मध्यान भोजन रसोईया कल्याण संघ के द्वारा एक साड़ी पकड़ा कर 11 सौ रुपए वसूल किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं। वहां मौजूद मध्यान भोजन रसोईया ने भी इस बात को स्वीकार किया कि प्रांत अध्यक्ष यशोदा साहू का पंपलेट दिखाकर उन्हें यहां बुलाया गया। इस बीच स्थिति काफी गहमागहमी की निर्मित हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि वहां मौजूद पुलिस को और भी बल मंगवाना पड़ा।
धरना स्थल पर ही पहुंच कर तहसीलदार ने लिया ज्ञापन
संघ की मांग थी कि 8 फरवरी 2019 को विधानसभा में 300 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी, उसे 33 माह का जो बढ़ा हुआ मानदेय है उसे एरियस बोनस सहित दिया जाए। हमें कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए। निकाले गए रसोइयों को कार्य पर पुन: वापस लिया जाए और हमेशा कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। इन मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन के साथ-साथ रैली भी निकाली जानी थी, परंतु विवाद की स्थिति निर्मित होने पर तहसीलदार ने धरना स्थल पर ही आकर ज्ञापन लिया।