रायपुर

जबरिया रिटायर किए गए कर्मचारियों की बहाली हो
01-Dec-2021 5:40 PM
जबरिया रिटायर किए गए कर्मचारियों की बहाली हो

रायपुर, 1 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को  सरकार द्वारा जारी अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन के साथ ट्वीट कर राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने डॉ रमनसिंह के कार्यकाल के अंतिम वर्षो में नियमों के आड़ में विधान सभा चुनाव के पहले जबरिया सेवानिवृत्त कर नौकरी हटाए दिए गए कर्मचारियों को किये गये वायदे के अनुसार पुन: सेवा में बहाल  करने का मांग किया है।

 जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की नई सरकार के पदारूढ़ होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनिवार्य जबरिया सेवानिवृत्त किये गए सभी कर्मचारियों को पुन: सेवा में बहाल करने का भरोसा दिया था और सारे समाचार पत्रों में बड़े बड़े विज्ञापन जारी कर जबरिया सेवानिवृत्त के शिकार लोगो को पुन: सेवा में बहाल करने का वादा किया था जो इस सरकार के तीन साल बीतने के बाद अब भरोसा टूटने लगा है,क्योकि मिली जानकारी अनुसार प्रकरण की नस्ती विभागों से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद जुलाई 19 से केबिनेट में रखे जाने हेतु लंबित है जो सामान्य प्रशासन विभाग में लटकाये रखे जाने के कारण पुन: बहाली के प्रकरण अंतिम निर्णय हेतु मंत्रालय विलम्बित पड़ा हुआ है और बहाली के निर्णय देरी होने से प्रभावित कर्मचारी परिवार का हाल बेहाल होता जा रहा है।

 राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष एवं पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने विज्ञप्ति में आगे बताया है कि तत्कालीन डॉ रमन सरकार में जबरन रिटायर किए गए शासकीय सेवकों की बहाली के लिये अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए शासकीय सेवकों के अभ्यावेदनों पर विचार हेतु वर्तमान सरकार ने सभी विभागों को 18 नवम्बर 19 को आदेश जारी कर दिशा-निर्देश दिया था। कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरा करने पर छानबीन समिति की अनुशंसा पर अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए।

शासकीय सेवकों के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर विचार किया जाए और साथ यह भी निर्देश था कि यदि किसी प्रकरण में यह तय हो जाता है कि जिस व्यक्ति को रिटायर किया गया है, उसे यदि उनके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर विचारोपंरात पुन: सेवा में लिया जाए, तो सेवानिवृत्ति की तिथि तथा पुन: सेवा में लेने के बीच की अवधि का नियमितिकरण मूलभूत नियम54(ए) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार किया जाए,तदनुसार शासन के निर्देश के पालन में विभागों ने अपनी जानकारी समयसीमा में सामान्य प्रशासन विभाग में प्रस्तुत कर दिया है।

जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि जबरिया सेवा से रिटायर के शिकार लोगों को तथा कर्मचारी संगठनों को भी प्रत्यक्ष भेंट पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र बहाली का विश्वास दिया था और कुछ मन्त्रियों एवं कांग्रेस के विधयकों ने पुन: बहाली हेतु मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है, मगर सभी कवायद मंत्रालय के गलियारों में जाकर गुम हो गई है।

जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि जैसे ही सरकार बदली जबरिया सेवानिवृत्त किये गये कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विधायकों के  माध्यम से, कर्मचारी संगठनों के साथ और व्यक्तिगत रुप से भेंट कर पत्राचार व चर्चा कर बाल बच्चों का हवाला देकर सेवा में पुन: बहाल करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने भी सबको भरोसा दिया कि वे सबको सेवा में बहाल करेगें। अधिकारियों को लिखित, मौखिक निर्देश दिये गये, मगर आज तक केवल हाईकोर्ट के निर्देश पर कुछ बहाली को छोडक़र अन्य बाकी बचे किसी भी प्रकरण पर  शासन से अंतिम निर्णय नही हो सका है। मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अनेक प्रकरण अंतिम निर्णय हेतु सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन में करीब 1 साल से लटकी पड़ी है, क्योंकि अधिकारियों को इसमें कोई रूचि नही है और मुख्यमंत्री के कानों तक यह बात किसी माध्यम नही पहुँचाई जा सकी है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति  आदेश के शिकार लोग हर केबिनेट बैठक में अपने मुद्दे पर निर्णय के इंतजार में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल के भरोसे पर विश्वास कायम रखें हुये हैं।

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