सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,1 दिसंबर। इंसानों को बचाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सीपीआर तकनीक का इस्तमाल कर स्नेकमैन सत्यम सांपों की जान बचा रहे हंै। पूर्व में कई सांपों का रेस्क्यू कर स्नेकमैन के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले अंबिकापुर के सत्यम द्विवेदी ने इंसानों को बचाने वाली सीपीआर तकनीक का इस्तेमाल कर सांप की जान बचाई है।
जिस नाग की जान सत्यम ने बचाई है, उसकी स्थिति को देखकर पशु चिकित्सालय के डॉक्टरों ने कहा था कि इसका बच पाना नामुमकिन है।
अंबिकापुर के मिशन चौक निवासी 24 वर्षीय सत्यम द्विवेदी अब तक 2500 सांपों की जान बचाई है। इस बार सत्यम ने ऐसी तकनीक से जहरीले घायल नाग सांप की जान बचाई है, जिसका उपयोग डॉक्टर इंसानों की जान बचाने में करते हैं। उस तकनीक का नाम सीपीआर है। गत दिनों किसी ने लोहे के मोटे रॉड से नाग को मारकर घायल कर दिया था। सांप अंतिम सांस ले रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही स्नेकमैन सत्यम द्वारा उसे पशु चिकित्सालय ले जाया गया। उसकी हालत देखकर डॉक्टरों ने कहा कि इसकी जान बचना मुश्किल है, फिर भी उन्होंने उसका इलाज किया।
इधर सत्यम ने सीपीआर तकनीक का इस्तेमाल कर उसे अपने मुंह से सांस दी तो पूंछ में हलचल हुई। कुछ देर बाद वह हल्का चलने लगा। जब हालत सामान्य हो गई तो उसे दूर जंगल में छोड़ दिया गया।
स्नेकमैन सत्यम ने बताया कि पूर्व में भी वह फोरेट जैसी जहरीली दवाओं से बेहोश हुए सांपों को सीपीआर दिया था, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई थी, इस बार वे कामयाब हुए।