महासमुन्द
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विविध स्पर्धाएं
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद,4 दिसंबर। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय में दिव्यांगों के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल रहीं, जिसमें दिव्यांगों ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया और अपना हुनर दिखाया। कार्यक्रम में दिव्यांगों की बेहतरी के लिए उत्कृष्ट काम करने वालों को सम्मानित किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने कहा कि माता-पिता के लिए सभी बच्चे बराबर होते हैं। माता-पिता बच्चों में भेदभाव नहीं करते। सभी को बराबर परवरिश, संस्कार व शिक्षा दिया जाता है, ताकि बच्चे आगे चलकर अपने उनका नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति सभी माता-पिता के साथ-साथ समाज के लोगों के बीच सहयोग की जरूरत है। दिव्यांगजन अपनी मेहनत और लगन के बलबूते सामान्य जन से भी काफ ी आगे बढ़ रहें हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल ने कहा कि राज्य शासन की ओर से सभी वर्गों के हितों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। देश में पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में तृतीय लिंग के लोगों को पुलिस में भर्ती किया गया। दिव्यांगजन अपने आप को कभी भी कमजोर न समझें। इस दौरान उन्होंने सभी से आग्रह किया कि दिव्यांगों की हौसला अफजाई कर उन्हें आगे बढऩे में सहयोग करें। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को बतौर प्रोत्साहन पांच हजार रुपए नकद प्रदान किया।
कार्यक्रम में सिविल न्यायाधीश वर्ग 2 पार्थ दुबे ने कहा कि हमें मजबूत और आगे बढऩे के लिए बड़े सपने देखना जरूरी है, ताकि लगन के साथ हम उस मुकाम तक पहुंच सकें। बड़े सपने देखने से ही हिम्मत आएगी। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक संगीता सिंह ने केंद्र व राज्य शासन की ओर से दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
जिले के विभिन्न ब्लॉक से आए 11 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल वितरित की गई, वहीं दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजनांतर्गत 7 लोगों को 50-50 हजार रुपए का चेक और तीन लोगों को एक.एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया।
इसी तरह सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत एक व्यक्ति को एक लाख रुपए का चेक व प्रशस्ति पत्र व एक व्यक्ति को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अलावा दिव्यांगता की श्रेणी में विभिन्न श्रेणियों जैसे कला, शिक्षा, सांस्कृतिक, खेल, व्यवसाय, योग सहित अन्य कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 9 दिव्यांगजनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।