रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 दिसंबर। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल बायोकैमिस्ट्स ऑफ इंडिया की 28वीं राष्ट्रीय एंबीकॉन-2021 का शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे कोविड-19 के ओमीक्रॉन सहित सभी नए वैरिएंट को शीघ्र पता करने और उपचार के लिए नई प्रणाली का विकास करें।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में बायोकैमिस्ट्स का महत्वपूर्ण योगदान है और नई तकनीक की मदद से बायोकैमिस्ट चिकित्सक बीमारियों को शीघ्र चिन्हित कर सकते हैं।
सुश्री उइके ने कहा कि नए शोध की मदद से आनुवांशिक बीमारियों का शीघ्र पता लगाया जा सकता है। कोविड काल में भी बायोकैमेस्ट्री चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कोविड के समय में एम्स और निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर द्वारा प्रदान किए गए नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के साथ निकटवर्ती प्रदेशों के रोगियों को भी स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
प्रो. नागरकर ने कहा कि एम्स 2012 में स्थापना के बाद से उपचार, चिकित्सा शिक्षा और शोध के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। कोविड-19 के समय में छत्तीसगढ़ के रोगियों को भी विशेषज्ञ चिकित्सा प्रदान की गई। उन्होंने बायोकैमेस्ट्री के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए आशा प्रकट की कि कांफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सकों को नए विषयों को जानने का मौका मिलेगा। डीन प्रो. एस.पी. धनेरिया ने कॉफ्रेंस के विषयों को सामयिक बताते हुए इसे चिकित्सकों के लिए ज्ञानवर्द्धक बताया। आयोजक प्रो. एली मोहापात्र ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
इससे पूर्व एएमबीआई की सचिव प्रो. जसबिंदर कौर ने एसोसिएशन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्तमान अध्यक्ष प्रो. अंजू जैन ने निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. नवजोत कौर को एसोसिएशन की बागडोर सौंपी।
इस अवसर पर सुश्री उइके, प्रो. नागरकर और अन्य अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन भी किया। डॉ. रचिता नंदा ने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डॉ. बी. गोविंदराजू, डॉ. जैसी अब्राहम, डॉ. सुपर्वा पटेल, डॉ. सीमा शाह सहित 700 से अधिक चिकित्सकों ने विभिन्न सत्रों में प्रतिभाग किया। कॉफ्रेंस का समापन पांच दिसंबर को होगा।