रायपुर

भारत माला परियोजना के मुआवजा वितरण में करोड़ों के घोटाले का आरोप
04-Dec-2021 5:43 PM
 भारत माला परियोजना के मुआवजा वितरण में करोड़ों के घोटाले का आरोप

चंद्रशेखर साहू ने केन्द्रीय एजेंसी से जांच मांगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 4 दिसंबर। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने भारत माला सडक़ निर्माण परियोजना, और रायपुर-विशाखापटनम कारिडोर के निर्माण के लिए मुआवजा वितरण में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया है।  उन्होंने कहा कि अभनपुर में ही करीब 3 सौ करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई है, लेकिन यह पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। इस पूरे मामले की केन्द्र सरकार की एजेंसी से जांच की मांग की है।

पूर्व मंत्री श्री साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत माला सडक़ निर्माण, और रायपुर-विशाखापट्नम कारिडोर निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा दोनों परियोजना के लिए भू-अर्जन एवं भूमि स्वामी को मुआवजा वितरण के लिए राजस्व अनुविभागीय अभनपुर को कार्य सौंपा गया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि भू-अर्जन, और मुआवजा वितरण में नियमों को ताक में रखकर पुराने तिथियों से जमीन का बाटांकन एवं नामांतरण की कार्यवाही धड़ल्ले से की गई। यही नहीं, राजस्व नियमों के विपरीत अधिसूचना जारी होने के बाद पिछले तिथियों में रातों-रात बटांकन, औरं डायवर्सन किया गया, ताकि कुछ चिन्हित हितग्राहियों को 18 गुना अधिक मुआवजा दिया गया है।

 श्री साहू ने कहा कि अभनपुर तहसील में 780 करोड़ स्वीकृत हुए थे। जिनमें से 550 करोड़ जारी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायत मुख्य सचिव से की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। केन्द्र सरकार की राशि को इसी तहसील में लगभग 3 सौ करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई, जिसमें भू-माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से राशि पात्र लोगों तक नहीं पहुंचा। भूमाफियाओं, और अधिकारियों ने इसका फायदा उठाया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि निहित स्वार्थ के लिए व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की दृष्टि से सरकारी जमीन के प्रकरण पूर्णत: नियम विपरीत इस अनुभाग के द्वारा बनाए गए हंै। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है, और केन्द्र सरकार की राशि को जमीन की हेराफरी कर, और रिकार्ड को परिवर्तित कर चपत लगाने की कोशिश की जा रही है।

श्री साहू ने कहा कि यह मामला गंभीर है, भविष्य में रायपुर जिला सहित अन्य जिलों में ऐसे प्रकरण पाये जा सकते है जिसकी जाँच केन्द्रीय एजेंसी से कराया जाना जरूरी है, क्योंकि केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत 2 हजार करोड़ से भी अधिक राशि मुआवजा देने की स्वीकृति दी गई है। मुआवजा वितरण में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मापदण्डों का पालन किया गया है।

उन्होंने कहा कि अभी मुआवजा वितरण हितग्राहियों से कमीशन लिए बिना अधिकारियों के द्वारा नहीं किए जा रहे हंै। श्री साहू ने मांग की है कि निहित स्वार्थ में संलग्न लोगों की बैंक अकाउंट को सीज करके अतिशीघ्र न्याय दिलाया जाए।

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