महासमुन्द
वाटिका में लगे फल-सब्जियां, मुनगा भाजी नियमित रूप से बच्चों को खिलाई जा रही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 दिसंबर। महासमुंद जिले में कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस कार्यकम में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। महामसुंद जिले में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत 1795 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हंै।
जिसमें से 717 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका विकसित की गई है। सुपोषण अभियान के अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका तैयार कर सब्जी का उपयोग भी किया जा रहा है। साथ में सभी प्रकार के स्थानीय साग भाजी एवं खाद्य पदार्थों को शामिल कर भोजन जिसके माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं पोषण वाटिका बाड़ी में लगे फलों व सब्जियों का उपयोग कर रोटी के साथ साग,भाजी, हरी सब्जी तथा मुनगा भाजी नियमित रूप से बच्चों को परोस रही हैं।
वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रों से लगी गौठान क्षेत्रों में विकसित किए जाने हेतु जिला खनिज न्यास निधि से 50 पोषण वाटिका की स्वीकृति दी गयी है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करने एवं महिलाओंए किशोरी बालिकाओं में एनिमिया को कम करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन प्रति सोमवार, बुधवार औऱ शुक्रवार को एवं रेडी टू ईंट खिलाया जा रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से गृह भेंट करके व्यक्तिगत साफ. सफाई, स्वास्थ्य जांच, कृमि नाशक दवा खिलाया गया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाली पूरक पोषण रेडी टू ईट को 6 दिन में खिलाने की समझाईश दी जाती है।