दुर्ग
छत्तीसगढ़' संवाददाता
दुर्ग, 5 दिसंबर। दुर्ग संथारा साधिका नव दीक्षित साध्वी श्री चंद्रयशा म.सा का कल सुबह 10 बजे ऋषभ नगर दुर्ग में देवलोक गमन हो गया। उनकी बैकुंठी यात्रा में जैन समाज के हजारों श्रावक-श्राविका उन्हें अंतिम विदाई देने सम्मिलित हुए। ऋषभ नगर दुर्ग से निकली बैकुंठी यात्रा हरना बांधा मुक्तिधाम में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
कल प्रात: 7.30 बजे जैन संत गौरव मुनि ने छत्तीसगढ़ प्रवर्तक लोकमान्य संत श्री रतन मुनि की प्रेरणा से चंदा संचेती को जैन विधि विधान एवं जैन सूत्रों का पठन कर साध्वी दीक्षा प्रदान की और उन्हें संथारा का पचखाण दिलाया गया।
ऋषभ कॉलोनी स्थित नवकार भवन के पास साध्वी चंद्रयशा के दर्शन वंदन करने के लिए दिन भर तांता लगा रहा। नवकार महामंत्र का जाप अनुष्ठान भी दोपहर 3 बजे तक लगातार चलता रहा।
दोपहर 3 बजे जैन समाज के श्रावक श्रविकाओं की उपस्थिति में ऋषभ नगर दुर्ग से बैकुंठी यात्रा निकाली गई। बैकुंठी यात्रा में ओसवाल पंचायत दुर्ग के आह्वान पर जैन समाज की व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रही।
बैकुंठी यात्रा में ओसवाल पंचायत के अध्यक्ष गौतम बोथरा ताराचंद कांकरिया गौतम सांखला पारसमल संचेती मदन जैन कचर मल बाफना निर्मल बाफना टीकम छाजेड़ सहित जैन समाज के विभिन्न संस्था प्रमुख विशेष रुप से उपस्थित थे।