कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 21 जनवरी। पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ व सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की आज 11:30 बजे कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए, कलेक्टर कार्यालय में बैठक की अनुमति नहीं मिलने पर उप संचालक डॉ. शिशिरकांत पाण्डेय द्वारा पशुधन विकास विभाग कार्यालय उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा में बैठक ली।
ज्ञात हो कि जिले में कोविड -19 के पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के फलस्वरूप कोविड-19 के संक्रमण को रोकथाम एवं बचाव हेतु 15 जनवरी को कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा जारी किए आदेश में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की 144, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2 हजार 5 की में 30, 34 सहपठित एपिडेमिक एक्ट, के तहत समस्त शासकीय कार्यालयों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की मौजूदगी में एक तिहाई होगी। कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों के अलावा शेष कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम पद्धति से कार्य करेंगे, आवश्यकता पडऩे पर कर्मचारियों को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य रहेगा। कार्यालय में उपस्थित अधिकारी व कर्मचारी अनिवार्य रूप से फेस मास्क, सैनेटाईजर, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी को कोविड -19 के दोनो टीका लगवाना अनिवार्य होगा।
उप संचालक डॉ. शिशिर कांत पांडे पशु चिकित्सा सेवाएं कोण्डागांव का कहना है कि मीटिंग न करने का हमारे पास कोई आदेश नहीं आया है, साथ ही हमने खुले में कर्मचारियों के साथ कोरोना नियमों का पालन करते हुए मीटिंग की है।