कवर्धा

एमपी से पहुंचा हाथी दल, बगैर रेडियो कॉलर के कारण नहीं मिल रही लोकेशन
14-Feb-2022 5:11 PM
एमपी से पहुंचा हाथी दल, बगैर रेडियो कॉलर के कारण नहीं मिल रही लोकेशन

पंडरिया-बोड़ला ब्लाक के सीमावर्ती गांवों में मचा चुके हैं उत्पात

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 14 फरवरी ।
बोड़ला विकासखंड की सीमा से लगे  मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के ग्राम पंचायत धुरकुटा के आसपास हाथियों के दल की मौजूदगी की खबर आ रही है। इस विषय में स्थानीय व सीमा से लगे विकासखंड के बांकी, खुर्रीपानी, केशमर्दा, झोलाबहरा आदि क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि डिंडोरी जिला के चांड़ा, धुरकुटा इलाके की ओर हाथियों का दल छत्तीसगढ़ की सीमा से होते हुए अब बोड़ला ब्लॉक से आगे पंडरिया ब्लाक की ओर बढ़ गया है ।

ग्राम धुरकुटा पंडरिया ब्लाक के सेंदूर खार पंचायत से लगा हुआ है इस तरह अब हाथी पंडरिया ब्लाक के सीमावर्ती गांव की ओर बढ़ रहे है। गौरतलब है कि इन हाथियों के दल में किसी भी हाथी में रेडियो कॉलर आईडी नहीं लगे होने से इनकी सही स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है। इससे अचानक किसी भी गांव में हाथियों के झुंड के पहुंचने से स्थानीय निवासियों को खतरे का सामना करना पड़ सकता है ।इन्हीं  विकट स्थितियों को लेकर वन विभाग के द्वारा तैयारी की जा चुकी है हाथियों के संभावित घुसने वाले गांव में वन विभाग की टीम बराबर नजर बनाए रखी है। इस विषय में तरेगांव वन परिक्षेत्र  के रेंजर ओंकार राजपूत ने बताया कि हाथियों का दल के बारे में जानकारी मिल रही है कि वे  अभी हमारे विकासखंड हमारे  परिक्षेत्र में नहीं है वे ग्राम पंचायत बाकी और राज्य की सीमा के गांव खुर्रीपानी से 20 से 22 मीटर दूर मध्यप्रदेश के मवई व समनापुर ब्लॉक के एरिया में विचरण कर रहे हैं।

एहतियात के तौर पर लगातार इन सीमावर्ती क्षेत्रों पर वन विभाग की टीम नजर बनाए हुए है। समस्त वन अमला इन क्षेत्रों में सर्चिंग में जुटा हुआ है, जिससे कि हाथियों का दल सीमावर्ती गांव में घुसकर नुकसान न पहुंचा सके। इस विषय में ग्राम पंचायत बाकी के सरपंच सुरेश धुर्वे ने बताया कि शनिवार से मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में विकासखंड मवई के गांव में हाथियों के दलों को देखा गया था।

आज सोमवार  ब्लॉक की सीमा बराबर लगे हुए जंगलो से होकर हाथी आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के समनापुर  बजाग ब्लॉक के धुरकूटा चाड़ा के जंगलों में हाथियों के विचरण करने की जानकारी मिल रही है ।हाथियों के खतरे को देखते हुए सीमा क्षेत्र के सभी गांव में वन विभाग के अमला के द्वारा दौरा किया जा रहा है । अभी 3 दिनों के घटनाक्रम में मध्यप्रदेश के बचेली बिलगांव मुरता सुनहरा से विचरण करते हुए आज धुरकुटा चांड़ा में क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं।

कान्हा के जंगलों में घूम रहा था हाथियों का दल
नवंबर माह में विकासखंड के बाकी पंचायत में जमकर तबाही मचाते हुए यह दल मोबाइल लॉक के जंगलों से होते हुए कान्हा किसली की बफर जोन एरिया में 4 माह तक रुके रहे यही झुंड अब वापस हो रहा है वे लगभग उसी रास्ते से वापस आ रहे हैं, जिस रास्ते से यह कान्हा किसली के जंगल में गए थे। वापस आते समय इन हाथियों के दल के द्वारा मवई विकासखंड में बिल गांव में एक घर को गिरा दिया है। साथ ही अभी मटर आदि की लगी फसलों को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है

पहले भी आ चुके हैं कई बार आ चुके हैं वनराज
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा ऐसी संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि हाथियों का यही दल कबीरधाम जिले में 8 साल पहले  आया था। जिले में पहली बार हाथियों की आमद मार्च 2013 में हुई जोकि सिंगपुर एरिया में डेढ़ माह तक घूमते रहा था। दूसरी बार पंडरिया ब्लाक के रुखमीदादर क्षेत्र में 2015 में आया और लौट गया था। 2019 में तीसरी बार और 2020 में चौथी बार पंडरिया ब्लाक में ही हाथियों का दल आया था और इस बार नवंबर 2021 में 14 हाथियों का दल तीन-चार माह पूर्व ही विकासखंड बोड़ला क्षेत्र के बाकी पंचायत में जमकर तबाही मचाया  था अब यही हाथियों का दल मध्य प्रदेश की ओर चला गया था जो कि 4 माह बाद वापस होते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों से गुजर रहा है।

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