गरियाबंद
रोजगार सहायक पर ग्रामीणों ने लगाया मनमानी का आरोप, कलेक्टर से की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 9 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ही ग्राम पंचायत पोटिया तथा पोटिया के आश्रिम ग्राम अमेठी की महिलाए जिला कार्यालय पहुॅच प्रशासन के इस दावे की पोल खोलते नजर आई। महिलाओं का आरोप है कि पंचायत में हो रहे मनरेगा के कार्यो में रोजगार सहायक द्वारा बड़े पैमाने में लापरवाही और गड़बड़ी की जा रही है। 193 रूपए की मजदूरी के बदले मात्र 11 रूपए की मजदूरी भुगतान किया गया है। मामले में महिलाओं ने उचित मजदूरी दिलाने के साथ ही कलेक्टर से रोजगार सहायक व तकनीकी सहायक को हटाने की मांग की है।
मामले में तकनीकी सहायक सोमेन्द्र साहू ने बताया कि मनरेगा के कार्यो में मजदूरों का भुगतान उनके द्वारा किए कार्यो के नाप के आधार पर होता है। महिलाओं ने जितना काम किया उतना भुगतान किया गया है। हालांकि जब तकनीकी सहायक से पुछा गया कि प्रतिदिन निर्धारित नाप से कार्य नहीं हो रहा था तो उनके द्वारा ध्यान क्यों नहीं दिया गया, इस पर उन्होंने सारा ठिकरा रोजगार सहायक पर फोड़ दिया और कहा कि इसकी जिम्मेदारी रोजगार सहायक की है, वे सप्ताह में एक दो बार केवल मनरेगा के कार्यो का मुल्यांकन करने ही जाते है। काम सही नहीं हुआ इसके लिए रोजगार सहायक को ध्यान देना चाहिए।
मंगलवार को जिला कार्यालय पहॅुचे ग्राम अमेठी व पोटिया की महिला सीताबाई, अश्वनी बाई, अमेली बाई, सुकन बाई, भागवती, हसोदा बाई, रामदुलारी सहित अन्य महिलाओ ने कलेक्टर के नाम सौपे ज्ञापन में ग्राम पंचायत पोटिया की रोजगार सहायक के विरूद्ध ग्रामीण मजदूरो के साथ अभद्र व्यवहार करने तथा पंचायत व मनरेगा के कार्यो में समुचित देखरेख ना करने का आरोप लगाया।
महिलाओं ने बताया कि ग्राम पंचायत पोटिया के आश्रिम ग्राम अमेठी में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत सुमित्रा बाई विश्वकर्मा के नाम से 6 लाख रुपये की नया तालाब निर्माण की स्वीकृति मिली थी। जिसमें सभी ग्रामवासियों के द्वारा मजदूरी का कार्य किया गया। इसमें हमारे द्वारा भी दो सप्ताह कार्य किये हैं, जिसका प्रति मजदूर 11 रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा और जब भुगतान राशि में कटौती की जानकारी मांगी जाती है तो वे दुव्र्यहार करते है। महिलाओं ने पदस्थ रोजगार सहायक तथा तकनीकी सहायक को हटाने की मांग करते हुए उनकी मजदूरी दिलाने की मांग की। इस अवसर पर ग्राम पोटिया के सालिकराम, जैनबाई, बेनुराम, तोसराम, भागवती, दसौदाबाई, कलिया बाई, देवकीबाई, कुन्ती, समारिन बाई, रमला बाई सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।