कवर्धा

पेयजल समस्या के समाधान के लिए हर स्तर पर प्रयास करें - कलेक्टर
12-Apr-2022 4:46 PM
पेयजल समस्या के समाधान के लिए हर स्तर पर प्रयास करें - कलेक्टर

जन सुविधा के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित करें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 12 अप्रैल।
कबीरधाम जिले में ग्रीष्म ऋतु में होने वाले पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। कंट्रोल रूम शासकीय कार्यालय में खुले रहेंगे। यह कंट्रोल रूम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के सहयोग के लिए होगा। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने आज समय सीमा की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले पेयजल समस्या की जानकारी लेते हुए अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैण्डपम्प से होने वाले पेयजल समस्या की सतत मॉनिटरिंग करते रहे। जिन क्षेत्रों में पेय जल की समस्या हो रही है,वहां समस्या के समाधान के लिए आवश्यक तैयारियां रखें। कलेक्टर ने जिले के सभी नगरीय निकायों में तथा जिले के सभी प्रमुख मार्गो में आमजनों की सुविधा के लिए प्याउ घर की सुविधा देने के भी निर्देश दिए।  

कलेक्टर श्री शर्मा में ग्रीष्म ऋतु से होने वाले लू के बचाव के लिए जिला लोगों में जागरूकता लाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने लू से बचने और ग्रीष्म ऋतु में होने वाले जलजनित अन्य बीमारियों के रोकथाम के लिए आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले के सभी ग्रामीण शासकीय चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में लू से बचाने के लिए उपयोगी दवाईयां एवं ओआरएस के पाउडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने लू से बचने संबंधित ग्रामों में कोटवारों के माध्यम से मूनादी करने के भी निर्देश दिए है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी ने बैठक में बताया कि अधिक गर्मी और शुष्क हवाओं को लू कहा जाता है। इनका तापमान सामान्य से अधिक होता है। लू में तेज बुखार से शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक हो जाता हैं। थकान, कमजोरी, चक्कर आना, बेहोश होना, सिर में तेज दर्द होना, खूब पसीना आना, उल्टी होना. गाढे रंग का पेशाब, मांसपेशियों में ऐंठन होता है। लू के यह सभी लक्ष्ण है। अत्यधिक गर्मी और पसीना आने से शरीर से नमक और पानी का तेजी से ह््रास होता है। अपर्याप्त मात्रा में पानी एवं नमक सेवन से डिहाइड्रेशन एवं हाइपोनेट्रेमिया (नमक की कमी) हो जाती है। इससे किडनी और लीवर फेलियर के साथ श्वसन एवं स्नायु संबंधित समस्याएं शुरू होती है एवं सही समय पर इलाज के अभाव में यह जानलेवा हो जाता है।

लू से बचने के उपाय
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुजॉय मुखर्जी लू से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि घर के बाहर निकले समय गर्म हवाओं से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरते। कान और चेहरे को कपडों से जरूर ढके। गर्मी में पर्याप्त मात्रा में पानी पीए। बीच-बीच में ओआरएस का घोल भी ले सकते है। उन्होने बताया कि जिले के सभी शासकीय चिकित्सालयों  और मितानिनें के पास ओआरएस के पाउडर की उपब्धता सुनिश्चित की जा रही है। वहां से भी ओआरएस का पाउडर नि‘शुल्क ले सकते है। जरूरत के आधार पर ही घर के बाहर निकले। हल्का भोजन करें एवं तरबूज, खीरा, नींबू, संतरा आदि का सेवन कर सकते है।

सी-मॉर्ट से कार्यालयीन संबंधित सभी समाग्रियों को क्रय करने के निर्देश दिए
कलेक्टर श्री शर्मा ने बैठक में जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को कार्यालयीन सबंधित समस्त उपयोगी समाग्री सी-मार्ट से क्रय करने तथा सी-मार्ट को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल ने बताया कि कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र में राजमहल चौक के पास मंगल भवन में सी-मार्ट संचालित हो रही है। यहां बाजार से कम दर पर घरेलू संबंधित समस्त समाग्री उपलब्ध है। साथ ही शासकीय कार्यालयीन में उपयोग में आने वाले समाग्री भी यहां उपलब्ध है।
 

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