दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 3 मई। एनएमडीसी अपोलो अस्पताल बचेली में 19 वर्षीय आदिवासी युवती आशा कुंजाम का टेम्प्रेरी पेसमेकर की मदद से सफल ईलाज किया गया। डॉक्टर ने बताया कि आदिवासी युवती कु आषा कुंजाम, पिता स्व. लक्ष्मण कुंजाम, निवासी पाड़ापुर बेनपाल, को 6 अप्रैल, 2022 को बुखार और संास लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ संध्या करीब 6 बजे स्थानीय एनएमडीसी अपोलो अस्पताल बचेली में भर्ती किया गया। मरीज की शारीरिक अवस्था को देखते हुए उन्हे तुरन्त फिजीशियन को दिखाया गया और उनका ईलाज प्रारम्भ किया गया। ईलाज के दौरान यह ज्ञात हुआ कि मरीज के लंग्स में इन्फेक्सन है, जिस वजह से उसके हृदय कि धडक़न बहुत कम हो गई थी एवं उसकी हालत बिल्कुल नाजुक बनी हुई थी तथा उसकी जान को खतरा भी था।
डॉ. एम. दीपक रेड्डी, फिजीषियन के नेत्रत्व में उनकी टीम डॉ. एश्वर्या तिवारी, मोनिका रानी कांजीलाल, स्टॉफ नर्स, मिथिलेष्वरी मंडावी स्टॉफ नर्स एवं अन्य स्टॉफ के साथ उन्हें चिकित्सालय में हाल ही में क्रय किया गया, नया उपकरण (टेम्प्रेेरी पेसमेकर) लगाया गया। साथ ही दवाओं के द्वारा उसके हृदय कि धडक़न को सामान्य किया गया एवं पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के पश्चात पेसमेकर को निकाल दिया गया, तथा 19 अप्रैल, 2022 को उन्हे डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. एस.एम. हक, मुख्य चिकित्सा प्रषासक ने बताया कि पेसमेकर एक उपकरण होता है जो कि हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
साइनस नोड मानव शरीर का प्राकृतिक पेसमेकर है जो अच्छी तरह से काम नहीं करता है तो हृदय की लय बाधित हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में पेसमेकर की आवश्यकता पड़ती है। जिन लोगों की हृदय गति धीमी हो जाती है, उनके लिए पेसमेकर एक विश्वसनीय विकल्प है।
एनएमडीसी अपोलो अस्पताल बचेली में पहली बार किसी मरीज को पेसमेकर लगाकर ईलाज किया गया। गौरतलब है कि एनएमडीसी परियोजना की वजह से बचेली के आसपास निवासरत आदिवासियों को अच्छी एवं उत्कृष्ठ चिकित्सा सुविधा का लाभ निशुल्क मिल रहा है, जिससे उन्हें बाहर अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। एनएमडीसी परियोजना अपने एनएमडीसी अपोलो अस्पताल बचेली के माध्यम से अपने कर्मचारियों, स्थानीय आदिवासियों एवं अन्य लोगों के स्वास्थ्य के प्रति हमेषा से ही संवेदनशील रही है तथा अच्छी सुविधा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।