दन्तेवाड़ा

बस्तर को करें कुपोषण मुक्त- अनिला
06-May-2022 9:44 PM
बस्तर को करें कुपोषण मुक्त- अनिला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दन्तेवाड़ा, 6 मई।
महिलाओं और बच्चों में पोषण स्तर में सुधार सरकार की प्राथमिकता में है। हमें बस्तर को कुपोषण मुक्त बनाना है इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। उक्ताशय के निर्देश दंतेवाड़ा जिले के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंची महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा ने संभाग स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किए।

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री नें प्रधानमंत्री मानधन पेंशन योजना के पंजीयन की स्थिति की समीक्षा, पोषण वाटिकाओं को बढ़ावा दिये जाने पूरक पोषण आहार एवं महतारी जतन योजनान्तर्गत भुगतान की स्थिति की समीक्षा की। श्रीमती भेडिय़ा ने कहा कि रेडी टू ईट बीज विकास निगम के माध्यम से परियोजना स्तर तक पहुंचाया जा रहा है। परियोजना कार्यालय स्तर के जिला कार्यक्रम अधिकारी जिम्मेदारी है। इसे परियोजना कार्यालय में डंपिंग न करे।

बैठक में किशोरी बालिकाओं का शाला प्रवेश, नोनी सुरक्षा योजना की समीक्षा की गयी। श्रीमती भेंडिय़ा ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत लक्ष्य पूर्ति किये जाने पर इसकी सराहना की।

इस मौके पर संचालक महिला एवं बाल विकास दिव्या मिश्रा ने विभिन्न परियोजनान्तर्गत वजन त्यौहार में आंकड़ों में फर्क आ जाने पर इसका सत्ययापन किये जाने को कहा। श्रीमती मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जानी है। उन्होंने जिले के बचेली एवं किरंदुल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के नियुक्ति के मसले को शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की समीक्षा के दौरान अब तक निर्मित किये गये आंगनबाड़ी केन्द्रों को जांच दल द्वारा भी सर्वसुविधायुक्त पाया गया।

बैठक में अवगत कराया गया कि गीदम स्थित नारी निकेतन के विभागीय भवन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनआरसी केन्द्र संचालित किया जा रहा है जिसे रिक्त कराये जाने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया गया कि जिले में एनजीओ ट्रू फाउंडेशन द्वारा बालिका गृह का संचालन पोटाकेबिन में किया जा रहा है।

जहां कि भीषण गर्मी के कारण वहां तत्काल कूलर प्रदाय करने के निर्देश दिए।

जांच दलों द्वारा विभिन्न संस्थाओं का निरीक्षण किये जाने पर बाल संप्रेक्षण गृह को उपयुक्त पाया गया। इसी प्रकार जिले में संचालित सखी केन्द्र की स्थिति भी सही पायी गई। संचालक महिला एवं बाल विकास दिव्या मिश्रा ने ऑनलाईन पोर्टल में एन्ट्री अद्यतन किये जाने के निर्देश दिए।

संभाग स्तरीय इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सातों जिले के कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी व अन्य उपस्थित थे। क्रम से बस्तर, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की क्रमश: समीक्षा की गई।

बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आकाश छिकारा, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग चौधरी, सीएस लाल, डीएस मरावी और अपर कलेक्टर संजय कन्नौजे सहित सातों जिले के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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