कोरबा
पूर्व गृह मंत्री कंवर ने भी लगाए गंभीर आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर / कोरबा, 9 मई। कोरबा में डीएमएफ बैठक को लेकर मंत्री जयसिंह अग्रवाल की शिकायत को उनकी ही पार्टी के विधायक मोहित केरकेट्टा और पुरुषोत्तम कवर ने दुर्भावनापूर्ण और निराधार बताया है। इस बारे में उन्होंने डीएफएम के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ कोमल परदेशी को अलग-अलग पत्र लिखे हैं।
दोनों के ही पत्र एक जैसे हैं और एक पन्ने का है। कंवर ने अपने पत्र में कहा है कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा जिला खनिज न्यास की बैठक के संबंध में की गई शिकायत व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रतीत होती है। कटघोरा क्षेत्र का विधायक होने के नाते मैं शासी परिषद का सदस्य हूं। वर्ष 2021 22 की बैठक 15 सितंबर 2022 को रखी गई थी, जिसमें मैं शामिल हुआ था। जो प्रस्ताव मैंने कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के लिए रखे थे, उनको कार्य योजना में शामिल किया गया और उनकी प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी की गई। वर्ष 2022 23 की बैठक भी नियमानुसार ली जा रही है, जिसकी विधिवत सूचना मुझे मिल गई है। उक्त बैठक के विकास कार्यों को समय सीमा में किए जाने की नितांत आवश्यकता है। जिला खनिज संस्थान न्यास मध्य से स्वीकृत कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की जा रही है। मंत्री की शिकायत निराधार है।
लगभग यही बात तानाखार के विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने अपने पत्र में कही है।
ज्ञात हो कि बीते 6 मई को कोरबा के विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने खनिज विभाग के सचिव और डीएलएफ के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी को एक लंबा पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने डीएमएफ में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप कलेक्टर रानू साहू पर लगाया गया था। उन्होंने 9 मई की बैठक को स्थगित करने की मांग भी की थी।
कोरबा जिले के चौथे विधायक पूर्व गृह मंत्री व भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने भी राजस्व मंत्री को घेरा है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि राजस्व मंत्री के भ्रष्टाचार की जानकारी अधिकारियों को है। इस पर कार्रवाई न हो इसलिए वे जिला प्रशासन पर आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब राजस्व मंत्री ने डीएमएफ को लेकर शिकवा शिकायत की हो। यह सिलसिला पी दयानंद के कार्यकाल से होते हुए कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में भी चला है।