दुर्ग

दसवीं में दुर्ग जिले के 68. 80 फीसदी परीक्षार्थी सफल, बारहवीं में 78. 46 फीसदी विद्यार्थियों ने मारी बाजी
15-May-2022 3:16 PM
दसवीं में दुर्ग जिले के 68. 80 फीसदी परीक्षार्थी सफल, बारहवीं में 78. 46 फीसदी विद्यार्थियों ने मारी बाजी

मेरिट में जिले के 3 छात्रों ने बनाई जगह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 मई।
सीजी दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम एक साथ शनिवार को घोषित किया गया। इस बार दसवीं में दुर्ग जिले के 68. 80 फीसदी परीक्षार्थी सफल रहे। वहीं बारहवीं में 78. 46 फीसदी विद्यार्थियों ने बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी मेरिट सूची में जिले के 3 छात्रों ने जगह बनाई है। ये छात्र सरकारी स्कूल सेमरिया, आर्यवर्त पाटन तथा मान सरोवर विद्यालय जंजगिरी के हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सेमरिया के छात्र कुलदीप चतुर्वेदी दसवीं मेरिट में 8वें स्थान पर है। पिछले साल कुलदीप ने अपने पापा की कोरोना से डेथ के बाद हौसला नहीं खोया। पढ़ाई निरंतर जारी रखा और पापा के सपने पूरा करके दिखाया। आर्यवर्त हायर सेकेंडरी स्कूल पाटन के अमन कश्यप ने 12वीं बोर्ड की मेरिट में 10वां स्थान प्राप्त किया। वहीं मान सरोवर हायर सेकेंडरी स्कूल जंजगिरी के युगांत कुमार साहू ने दसवीं मेरिट में 10वां स्थान प्राप्त किया।

दसवीं बोर्ड परीक्षा के मेरिट में आठवें स्थान पर आए कुलदीप चतुर्वेदी का सपना सा टवेयर इंजीनियर बनने का है। कुलदीप ने बताया कि पिछले साल कोरोना से उनके कृषक पिता भरत राम चतुर्वेदी की मौत हो गई। मम्मी गंगोत्री चतुर्वेदी ने खेती किसानी संभालते हुए पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित करती रही। स्कूल के दिनों में 5 घंटे तथा छुट्टी के दिन 8 घंटे की पढ़ाई की बदौलत उन्होंने यह मुकाम तय किया।

बारहवीं बोर्ड परीक्षा के मेरिट में दसवें स्थान पर आए अमन कश्यप की रूचि एरोनाटिकल इंजीनियरिंग में है। आर्र्यवर्त हायर सेकेंडरी स्कूल पाटन का छात्र अमन ने बगैर कोचिंग ट्यूशन के यह मुकाम हासिल किया है। रोजाना 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई को ही सफलता का मूलमंत्र बताया। कॉन्सेप्ट क्लीयर करने में उनके पापा महेन्द्र कश्यप (कृषक) खूब मदद की। मम्मी अनिता कश्यप हाउस वाइफ है।  कोरोना काल को छोड़ दें तो इस वर्ष दसवीं-बारहवीं परीक्षाफल में गिरावट आई है। वर्ष 2019 के परीक्षाफल से तुलना की जाए तो दसवीं में 4 प्रतिशत तथा बारहवीं में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है। कोरोना काल में हुई पढ़ाई के नुकसान को इसे जोडक़र देखा जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल का कहना है कि कोरोना के बाद बोर्ड की परीक्षाएं ऑफलाइन हुई। सीमित समय में ही बच्चे स्कूल में पढ़ पाए,बावजूद इसके   परीक्षाफल बेहतर रहा है। उन्होंने बेहतर परीक्षाफल के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के मार्गदर्शन को आधार बताया है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news