कांकेर
15 दिनों में भुगतान करने के आश्वासन पर माने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 25 मई। बांस कटाई व जंगल के कूपों तक वाहनों के पहुंच के लिए रास्ता बनाने के कार्य का कई दिनों से भुगतान नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने बांस परिवहन कर रहे ट्रकों का रास्ता रोक दिया, जिससे बांस से लदे ट्रकों की लाईनें लग गई। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सडक़ पर बैठे रहे और बांस वाहनों को रोक कर वनाधिकारियों को धरना स्थल पर पहुंचने मजबूर कर दिया। अधिकारियों की बड़ी मशक्कत और मानमनौवल के उपरांत पन्द्रह दिनों में भुगतान करने का आश्वासन देने के बाद ग्रामीण सडक़ से हटे व ट्रकों को जाने दिया गया।
सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने नदीचुआ से कुली मार्ग पर बैठकर सडक़ जाम कर दिया और कूप से बांस भरकर जा रहे ट्रकों को रोक दिया। एक-एक कर लगातार तीन बांस ट्रकें सडक़ पर खड़ी रही। वाहनों को आगे जाने से रोकने सैकड़ों ग्रामीण सामने आकर सडक़ पर बैठ गए।
ग्रामीणों की मांग है कि कूप में ग्रामीणों ने रास्ता बनाने, बांस की कटाई व अन्य संबंधित कार्य ग्रामीणों ने किया है, उनकी मजदूरी का तत्काल भुगतान किया जाए।
सडक़ जाम करने वाले मजदूरो को मनाने पहुंचे अधिकारियों का वार्तालाप की पहल भी असफल रही। ग्रामीणों द्वारा सडक़जाम करने की खबर मिलने के बाद भारत सलाम, हेमंत समरत, एमआर ताम्रकार, अरविंद वाल्डे, देवलाल पुरामे सहित वन अधिकारियों की टीम 7 घंटे बाद मौके पर पहुंची।
अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन भुगतान किए बिना ग्रामीण बातचीत के लिए सहमत नहीं हुए। ग्रामीण तत्काल नगद भुगतान कराने की मांग को लेकर अड़े रहे। अन्यथा कूप से एक भी बांस ले जाने नहीं देने की चेतावनी दी।प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से मंगल पुड़ो, पांडु राम, दुखुनरेटी ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत की। अधिकारियों की बड़ी मशक्कत और मानमनौवल के उपरांत पन्द्रह दिनों में भुगतान करने का आश्वासन देने के बाद ग्रामीण सडक़ से हटे व ट्रकों को जाने दिया गया।
सडक़ जाम कर प्रदर्शन करने वालों में मजदूर ग्राम सभा अध्यक्ष पांडुराम सलाम, दुखुराम नरेटी,सनकेर सलाम, मंगल पुड़ो, मंगूराम नुरूटी, साधु कोवाची, दानु राम कुमेटी,नारशु जाड़े,अर्जुन दर्रो, सुकदेर हुपेंडी, इन्द्रू राम बोगा बेरकोट पटेल आदि थे। उन्होंने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियो को कई बार अवगत कराया गया है कि नगद भुगतान किया जाए, अन्यथा बांस निर्यात नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद अधिकारियों ने कई महीने बीत जाने पर भी भुगतान नहीं किया था। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही मजदूरी का भुगतान नही किया जाएगा तो वे उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।