सरगुजा

डॉ. मुखर्जी के आदर्श, मूल्य और सिद्धांत अनंत काल तक मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहेंगे-ललन प्रताप
23-Jun-2022 8:41 PM
डॉ. मुखर्जी के आदर्श, मूल्य और सिद्धांत अनंत काल तक मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहेंगे-ललन प्रताप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 23 जून।
जिले के सभी बूथों में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उनके मूर्ति और चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई । इसी तारतम्य में भाजपा नगर मंडल अंबिकापुर द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक में डॉ. मुखर्जी की मूर्ति पर पुष्प चढ़ा श्रद्धांजलि अर्पित कर माल्यार्पण किया गया।

भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के मार्गदर्शन तथा नगर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला की अध्यक्षता में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर डॉ. मुखर्जी को याद किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह ने कहा कि अखंड भारत की संकल्पना के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले और राष्ट्र की एकता और अखंडता खातिर अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्श, मूल्य और सिद्धांत अनंत काल तक हमें मार्गदर्शन और प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने डॉ. मुखर्जी की जीवनी पर प्रकाश डाला।

वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर ने कहा कि ब्रिटिश सरकार की भारत विभाजन की गुप्त योजना और षड्यंत्र को कांग्रेस ने अखंड भारत संबंधी अपने वादों को ताक पर रखकर स्वीकार कर लिया, उस समय डॉ. मुखर्जी ने बंगाल और पंजाब के विभाजन की मांग उठाकर प्रस्तावित पाकिस्तान का विभाजन कराया और आधा बंगाल तथा आधा पंजाब खंडित भारत के लिए बचा लिया। भारत के पहले मंत्रिमंडल में वे शामिल हुए किंतु उनके राष्ट्रवादी चिंतन के चलते अन्य नेताओं से मतभेद बराबर बना रहा, परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और विरोधी पक्ष के रूप में एक नई पार्टी बनाई, इससे अक्टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ।

नगर मंडल अध्यक्ष मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संघर्ष के दौरान डॉ. मुखर्जी ने तत्कालीन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ संकल्प को पूरा करने के लिए 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े, वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया और 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। आगे उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांत वादी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भारत सिंह सिसोदिया, अभिमन्यु गुप्ता, प्रशांत शंकर त्रिपाठी, अंबिकेश केसरी, फुलेश्वरी सिंह, मंजूषा भगत, प्रबोध मिंज, मधु चौदहा, शुभांगी बिहारे, राजकुमार बंसल अभिषेक शर्मा विकास पांडे, रुपेश दुबे, उपस्थित रहे।

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