कवर्धा
जान जोखिम में डालकर वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण करते हैं पार
बोड़ला, 26 जून। विकासखंड के सुदूर वनांचल के ग्राम पंचायत कुकरा पानी के नीरा नदी में पुल नहीं होने से गांव के लोगों को बाढ़ के पानी से जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है। गांव के मार्गों की दयनीय स्थिति से भी गांव के उन लोगों को बारिश के दिनों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जान जोखिम में डालकर वनांचल क्षेत्र के बैगा आदिवासी परिवारों को नदी नाला पार करना पड़ रहा है।
वर्षों से की जा रही है मांग
ग्राम पंचायत दुर्जनपुर के आश्रित ग्राम लीला दादर के लोगों के लिए बारिश में आवागमन हेतु पुल नहीं है, जिसके चलते गांव के 500 ग्रामीणों का उनके किसी भी प्रकार के वाहनों का आवागमन बारिश भर प्रभावित रहता है। ग्रामीणों द्वारा लगातार पुल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक पुल नहीं बना है, जिससे ग्रामवासी बारिश के दिनों में अन्य गांव से कट जाते हैं।
सभी को होती है परेशानी
ग्राम लीलादादर के नीरा नदी में पुल नहीं होने से ग्रामीणों के अलावा छात्र छात्राओं व सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बारिश के दिन में गांव टापू बन कर रह जाता है अच्छी बारिश होने के बाद नदी में बाढ़ के चलते लोगों को बाजार अस्पताल व इस छात्र-छात्राओं को स्कूल आने जाने में काफी समस्या होती है।
लोगों का प्रमुख कार्य तेरेगांव से ही होता है। बाढ़ के चलते मासिक काय की दिन तक के तरेगांव नहीं आ पाते। बारिश के दौरान गांव के लोग आने-जाने के लिए नदी में बाढ़ उतरने का इंतजार करते रहते हैं। नदी पर पुल नहीं होने से आए दिन ग्रामीणों को परेशानियों से जूझना पड़ता है।