कवर्धा

पर्यावरण संरक्षण के लिए बैगा जनजाति के लोग बना रहे हैं सीड बॉल
27-Jun-2022 3:23 PM
पर्यावरण संरक्षण के लिए बैगा जनजाति के लोग बना रहे हैं सीड बॉल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 27 जून। 
विकासखंड के वनांचल के चिल्फी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बैगा आदिवासी परिवारों के द्वारा सीडबॉल के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचार करते हुए कारगर कदम उठाए जा रहे है।
विकास की अंधी दौड़ में हम जाने अनजाने में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं इस वजह से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा भी बढ़ रहा है पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जीवन तेजी से विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है ऐसे समय में पर्यावरण को बचाने के लिए बैगा आदिवासियों के द्वारा अभिनव पहल करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करते हुए सीड बाल के माध्यम से जंगल में बीजों को डाला जा रहा है

ऐसे बनाते हैं सीडबॉल
इस विषय में जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत बेंदा के सामाजिक कार्यकर्ता हरीश यादव ने बताया कि सीड बाल बनाने का बहुत ही आसान तरीका है इसके लिए खाद  व गीली मिट्टी की जरूरत पड़ती  है। हमारे यहां गोबर खाद और गीली मिट्टी को मिश्रित कर स्थानीय स्तर पर पाए जाने वाले बीज को मिश्रित कर सीडबाल बनाया बनाया जाता है जाता है बनाने के बाद इसे सुखाकर रखा जाता है और फिर इसे रोपित किया जाता है वनांचल क्षेत्र में महिलाएं  प्रमुखता के साथ अपने कार्य से समय निकालकर सीड बाल बनाने में जुटी हुई हैं

8 पंचायतों में किया जा रहा है कार्य
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जन विकास मंच के माध्यम से 8 पंचायतों के गांव में 30,000 सीड बाल जंगलों में डालने का लक्ष्य रखा गया है जन विकास मंच को सहयोग करने वाले कार्यकर्ता हरीश यादव ने बताया कि कासा के माध्यम से बनाया गया। जन विकास मंच के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए बताया गया है कि हम प्रकृति से वर्षों से सिर्फ लेने का ही काम कर रहे हैं और उसे कुछ दे नहीं रहे। लोगों को प्रेरित किया कि  सीडवाल के माध्यम से पौधारोपण पर हम प्रकृति को कुछ वापस कर पाएंगे, जिससे पर्यावरण को भी संरक्षण करने में मदद मिलेगी। इनकी समझाइस पर ही 8 पंचायतों शीतल पानी बहनाखोदरा, लूप, बेंदा राजाढार,बोक्करखार, शंभूपीपर के समस्त गांव में बैगा आदिवासियों परिवारों के द्वारा सीड बाल लगाए जाने कार्य प्रारंभ हो गया है।

खर्च में आती है कमी
सीडबाल बनाने में अपेक्षाकृत काफी कम पैसे खर्च होते हैं नर्सरी में एक पौधा को तैयार करने में 10 से अधिक का खर्चा आता है। एनजीटी के प्रतिबंध के बाद नर्सरी में पॉलिथीन का प्रयोग बंद कर दिया, उसके स्थान पर कपड़े आदि का प्रयोग किया जा रहा है, वहीं एक सीट बाल बनाने में 50 पैसे से भी कम खर्च आता है और इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है इस प्रकार सीडबॉल तैयार करना बहुत ही आसान है।
 

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