सरगुजा

3 एकड़ सरकारी जमीन को बेजा कब्जा से मुक्त कराने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
27-Jun-2022 8:23 PM
 3 एकड़ सरकारी जमीन को बेजा कब्जा से मुक्त कराने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सत्ता व विपक्ष के पार्षद अतिक्रमण हटाने हुए एकजुट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 27 जून। नगर के गाँधीनगर वार्ड क्र. 3 के सैकड़ों लोगों एवं पार्षद द्वितेंद्र मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, गीता रजक, मंजूषा भगत ने सोमवार को सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा को ज्ञापन सौंप वार्ड में एक व्यक्ति द्वारा कब्जा किए गए 3 एकड़ शासकीय भूमि को मुक्त कराने की मांग की है।

वार्डवासियों ने बताया कि शासन की लगभग 12 एकड़ शासकीय भूमि है, जो नगर निगम अम्बिकापुर के आधिप्त में है। इस जमीन में से लगभग 3 एकड़ शासकीय जमीन को मनोज सिन्हा निवासी स्कूल रोड अम्बिकापुर नामक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है और शासकीय जमीन पर फैसिंग पोल गाड़ कर कटिला तार लगाया जा रहा है,यह शासकीय जमीन भूमि स्वामी के जमीन से लगा हुआ है।

आज के बाजार मुल्य से यह जमीन करोड़ों की है, जिस पर मनोज सिन्हा द्वारा कब्जा किया गया है। नगर निगम अम्बिकापुर द्वारा एक शासकीय तालाब का सन् 2021 में बनाया गया है, इस तालाब का उपयोग आम लोग एवं 5 वार्ड के लोग इसके मेड़ पर लगे पीपल के वृक्ष का विगत 40 वर्षों से मरणोपरांत घन्ट बांधा जाता था, एवं उस तालाब के पानी का उपयोग क्रिया-क्रम में किया जाता था, परन्तु वर्तमान विगत एक वर्ष से तालाब के चारो ओर के रास्ते जो कि नजूल की भूमि में है, जिसे मनोज सिन्हा के द्वारा बन्द कर दिया गया है। जिसके कारण गाँधीनगर वासियों को शंकरघाट मरनी-करनी का समस्त कार्यक्रम के लिये लगभग 7 किमी. 10 दिनों तक सुबह-शाम पानी देने एवं दिया जलाने के लिये जाना पड़ता है। जिस कारण से बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

वार्डवासियों द्वारा जानकारी दी गई कि मनोज सिन्हा अपनी पट्टे की जमीन करोड़ों रूपये में बिक्री कर दिया है तथा नजूल / शासन की करोड़ो की भूमि को कब्जा कर कब्जा बेचने का काम स्टाम्प पर की जा रही है। वार्डवासियों ने कलेक्टर से तत्काल राजस्व अधिकारियों का एक टीम बना कर इस शासकीय भूमि का जाँच कर मनोज सिन्हा से अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग की है।

यह पहला मामला जब सत्ता व विपक्ष के पार्षद आए साथ में

अम्बिकापुर नगर में शासकीय भूमि पर कब्जा का खेल काफी पुराना है, कई मामलों में नगर के जनप्रतिनिधी अब तक हस्तक्षेप सीधे तौर पर नहीं करते थे। यह पहला मामला है जब नगर निगम सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षद अतिक्रमण हटाने को लेकर एकजुट हुए हैं, यह भू माफियाओं के लिए एक अच्छा संदेश है। अगर सत्ता व विपक्ष के पार्षद ऐसे ही एकजुटता दिखाएंगे तो भू माफियायों पर काफी हद तक लगाम लगेगा।

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