कवर्धा

बाल सुरक्षा तंत्र से नवजात को मिला नव जीवन
04-Jul-2022 3:40 PM
बाल सुरक्षा तंत्र से नवजात को मिला नव जीवन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 4 जुलाई ।
बोडला विकासखण्ड के वनाचंल क्षेत्र तरेगांव जगल थाना अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम छोर के गांव में एक विक्षिप्त महिला द्वारा अपने तीन दिन के नवजात शिशु को लेकर इधर उधर धुम रही थी और नदी में बहाने की निरार्थक प्रयास कर रही थी, जिसकी जानकरी मिलते ही महिला एवं बाल विकास के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पु़ष्पा टाडिया ने अपने सुझबुझ एवं समझदारी का परिचय देते हुए विक्षिप्त महिला को किसी तरह समझाकर अपने घर ले गई और महिला एवं बच्चे अपने संरक्षण में लेकर अविलंब महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण टीम को इस घटना के बारे में बताया।

सूचना मिलते ही आनंद कुमार तिवारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, विनय कुमार जंघेल एवं श्यामा धुर्वे आउटरिच वर्कर के साथ बाल संरक्षण संरक्षण की टीम को मौके स्थल पर रवाना किया गया।

बाल संरक्षण की टीम द्वारा मौके स्थल पर पहुंच कर थाना प्रभारी तरेगांव जंगल को तत्काल सूचना कर तीन दिन के नवजात शिशु एवं उनकी माता को रेस्क्यू कर वहां के नजदीकी समूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नवजात शिशु एवं विक्षिप्त महिला का प्राथमिक उपचार कराया गया। जिसमें समदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अधिकारी अजय कश्यप एएमओ एवं सभी स्टॉप ने तत्परता के दिखाते हुए जच्चा-बच्चा का प्रथमिक उपचार किया। ततपश्चात बाल संरक्षण की टीम ने नवजात शिशु एवं उनकी माता को जिला मुख्यालय कबीरधाम लाकर बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया। समिति ने उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए दोनों के देखभाल एवं सुरक्षा संरक्षण के लिए विचार विमर्ष कर तत्काल निर्णय लेते हुए समिति ने बच्चे के सर्वोत्तम हित को देखते हुए नवजात शिशु को विशेषिकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण एवं महिला को सखी वन स्टॉप सेन्टर भेजकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संरक्षण दिया गया।  
 

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