मुंगेली

झमाझम बारिश के बीच भजन-कीर्तन के साथ श्रद्धालु गर्भगृह तक साथ गए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 जुलाई। प्रभु जगन्नाथ, दाऊ बलराम और बहन सुभद्रा के साथ आतिशबाजी व गाजे-बाजे के बीच रथ पर सवार होकर गुंडिचा मंडप सुभाष नगर स्थित जगन्नाथ भवन से श्रीराम जानकी मंदिर पहुंचे। प्रभु जगन्नाथ की जयघोष के साथ काफी संख्या में भक्तों ने रथ खींचकर मंदिर तक पहुंचाया। मंदिर पहुंचने के बाद प्रभु को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कराया गया। मालूम हो कि गुंडिचा मंडप से मंदिर तक पहुंचने वाली यात्रा को ही बहुड़ा यात्रा कहा जाता है। शहर के मोहंती समाज सहित सर्व समाज के लोग बड़े धूमधाम से इसे मनाते हैं। पर्व के मद्देनजर मोहंती समाज के लोगों ने तैयारियां कर रखी थी। दिन भर भजन पूजन के साथ कल शाम होते ही भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भैया बलराम को सुभाष नगर स्थित जगन्नाथ भवन से रथ में बिठाया गया। बहुडा़ यात्रा यहां से शुरू हुई।
यहां से समाज के लोग और शहर के श्रध्दालु अपने हाथों से रथ को धीरे.धीरे खींचते हुए शहर के प्रमख-चौक चौराहों से होकर श्रीराम जानकी मंदिर पहुंचाया। इस दौरान समाज की महिलाओं ने भजन कीर्तन किया। इस यात्रा की अगुवाई कोसरंगी गुरुकुल के बच्चों ने की। इस दौरान उन्होंने जगह-जगह शौर्य प्रदर्शन किया। इनके पीछे दुर्गा वाहिनी की बहनें थी।
सुभाष नगर स्थित जगन्नाथ भवन में शनिवार रात को प्रभु को यहां लाया गया। सुबह मंगला आरती हुई। इसके बाद दोपहर को महाआरती के साथ छप्पन भोग का आयोजन हुआ। शाम को फिर आरती के बाद प्रभु को मंदिर ले जाने रथ में विराजित किया गया। रथ यात्रा के दौरान बारिश नहीं हुई, लेकिन कल बहुड़ा यात्रा के दौरान झमाझम बारिश हुई।
अब भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भैया बलराम अपनी मौसी के यहां से मंदिर पहुंच गए हैं। आज से चार महीने के प्रभु झीरसागर में शयन करेंगे। उनके इस शयन से अगामी चार महीने तक मांगलिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इन कार्यों पर विराम लग गया है। सीधे देवउठनी एकादशी के दिन ही प्रभु नींद से जागेंगे। इस वक्त जैन समुदाय का चातुर्मास की शुरू हो गया है।