राजनांदगांव
धतुरा-बेलपत्र व फूल अर्पित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 जुलाई। सावन मास के दूसरे सोमवार को मंदिरों व शिवालयों में भक्तों ने जलाभिषेक के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव को धतुरा, बेलपत्र, फूल व पूजन सामग्री अर्पित कर मनोकामना की। पूजा-अर्चना के दौरान मंदिरों और शिवालयों में ओम नम: शिवाय और बोल-बम के जयघोष सुनाई दिए।
वहीं मंदिरों के बाहर पूजन सामग्रियों की दुकानें भी सजी रही। इधर बाजार में भी पूजन सामग्रियों की दुकानें सुबह से संचालित हो गई थी। सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की कतार नजर आई। इसके अलावा शिवनाथ नदी तट से कांवरियों का जत्था भी कांवड में जल लेकर शिवालयों तक पहुंचकर जलाभिषेक का क्रम चलता रहा।
करीब एक माह के सावन मास के दूसरे सोमवार को मंदिरों में हर तबके ने शिवलिंग में जल अर्पित किया। सावन माह में भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए शुभ माना जाता है। शहर के मोहारा स्थित शिवनाथ नदी तट स्थित मंदिर, मां पाताल भैरवी मंदिर, सोनारपारा स्थित मां शीतला मंदिर, बांसपाई पारा स्थित शिव मंदिर, गुरूनानक चौक स्थित श्रीगणेश मंदिर, बसंतपुर स्थित शिव मंदिर, नंदई, लखेली, स्टेशनपारा, चिखली समेत शहर के अन्य मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की। शिवालयों में पहुंचे भक्तों ने बोलबम के जयघोष किए।
मंदिरों में युवतियों की भी बड़ी तादाद रही। इससे पहले कांवरियों का अलग-अलग जत्था जल लेकर शहर के शिव मंदिरों में जल अभिषेक करने पहुंचा। शिवनाथ नदी के जल से शिवलिंग का स्नान कराने के लिए बड़ी संख्या में भक्त कांवरिये बनकर पहुंचते हैं। कांवरियों की जुबां से सुबह बोलबम की गूंज सुनाई दी। भगवा पोशाक में कांवर लेकर चलते भक्तों का उत्साह देखकर वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने सुबह से मंदिरों में पहुंचकर घंटों पूजा-अर्चना की। परिजनों के साथ लोगों ने जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान शिव से कामना की। पिछले कुछ बरसों में शिवभक्तों की तादाद में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं उम्रदराज लोग मंदिरों के अंदर और बाहर बैठकर भगवान शिव की स्तुति गान करते हैं। युवा वर्ग भी भक्ति के वातावरण में पूजा-अर्चना करने मंदिरों में पहुंचे। सावन मास में घरों में भी धार्मिक आयोजन होंगे।
महिलाओं में भी सावन माह के दौरान कठिन व्रत रखने के लिए एक अलग उत्साह दिखाई दे रहा है। इधर शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की आराधना के मंदिर समितियों द्वारा विशेष बंदोबस्त किए किए गए हैं। सावन मास के दूसरे सोमवार को भगवान महादेव की आराधना जिलेभर के मंदिरों व देवालयों में हुई। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए यह महीना सबसे पवित्र होता है, इसलिए माहभर घरों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थलों में भगवान शिव की स्तुतिगान होती रहती है। सावन महीने को तप और उपवास के लिए भी जाना जाता है। वहीं मंदिरों में भगवान शंकर के भक्ति धुन भी बजते रहे। इससे मंदिरों व परिसर के आसपास भक्तिमय वातावरण बना रहा।