कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 1 अगस्त। कार की ड्रायविंग सीट पर नाबालिग, कार अनियंत्रित हो गई और सडक़ किनारे खड़ी ट्रैक्टर की ट्रॉली से टकराई और फिर दूर जाकर पलट गई, कार में बैठे नाबालिग लडक़ों को हल्की चोटें आई, पुलिस ने टै्रक्टर से कार से पुलिस थाने पहुंचाया। ट्रैक्टर मालिक ने कार मालिक के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है।
तेज गति से वाहन दौड़ाते नाबालिगों पर यातायात विभाग की नजर नहीं पड़ रही है, यही हाल शराब पीकर वाहन चलाने वालों का है, जिसके कारण आए दिन दूसरे लोग घायल तो हो ही रहे हैं, कई लोगों की मौत भी हो जा रही है। शहर की भीड़ भरी सडक़ों पर तेज गति से दौड़ते वाहन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इनमें नए बाइक चालक बने नाबालिगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इन पर रोकथाम के उपाय यातायात पुलिस नहीं कर पाती है।
रविवार को कार के अनियंत्रित होकर सडक़ से किनारे खड़ी ट्रैक्टर की ट्रॉली से टकराने को लेकर उसके मालिक ने पुलिस थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराई है।
दुर्घटना के समय मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि कार को नाबालिग चला रहे थे, कार इतनी रफ्तार से थी कि वो काबू नहीं कर पाए। वहीं पुलिस ने हल्की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है।
पीडि़त का कहना है -खेती किसानी का काम करता हूं मैं अपना ट्रैक्टर का ट्रॉली को घर के सामने रोड के उस पार साईड में ट्रैक्टर से अलग करके साईड में खड़ा किया था कि 31 जुलाई को करीब 12 बजे दिन को कार के चालक द्वारा वाहन को तेज एवं लापरवाहीपूर्वक चलाते हुए विपरीत साईड में ले जाकर उसके ट्रैक्टर ट्रॉली को ठोकर मारा, जिससे ट्रॉली के पीछे का ढक्कन टूट कर करीब 100 मीटर की दूरी पर गिरा है एवं ट्रॉली के पट्टा भी टूट-फूट कर नुकसान हो गया है।
दूसरी ओर शहर की भीड़ भरी सडक़ों पर तेज गति से दौड़ते वाहन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इनमें नए बाइक चालक बने नाबालिगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इन पर रोकथाम के उपाय यातायात पुलिस नहीं कर पाती है।
फर्राटे भर रहे नाबालिग
नगर में इस समय नाबालिग बच्चें दुपहिया वाहनों को अंधाधुंध दौड़ाते देखे जा सकते हैं। इनमें अधिकांश स्कूली किशोर बच्चे हैं जो खासकर पढ़े लिखे शिक्षित व संपन्न परिवारों से हैं। उनके पालकों ने बिना मोटर व्हीकल की औपचारिकता पूरी किए बिना वाहन थमा दिए हैं। यह बाइक को मनचाही भगा तो पाते हैं,लेकिन उसको कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। जिससे हादसे होते रहते हैं। इतना ही नहीं बेलगाम गति से दौड़ते वाहन चालक खुद तो घायल होते हैं, वहीं लोगों को भी चोटिल भी कर रहे हैं। शहर की अधिकतर सडक़ों और गलियों पर बिना नंबर तथा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। तेज गति से दौड़ते वाहनों में दोपहिया ही नहीं बल्कि कार,जीप, ट्रैक्टर भी शामिल हैं। सवारियां और स्कूली बच्चों से भरे होने के बावजूद गति कम करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। जिससे वे रास्ते में या मोड़ पर किसी को भी टक्कर मार देते हैं। स्कूल, कालेज और ट्यूशन या कहीं और आते-जाते समय इनकी गति ऐसी होती है जैसे वे किसी जरूरी मिशन पर जा रहे हैं।