राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अगस्त। शासन द्वारा गौमूत्र की उपयोगिता को देखते गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौमूत्र की व्यापक तौर से खरीदी की जा रही है। फसल उत्पादन में गौमूत्र की उपयोगिता प्रभावी है। वर्मी कम्पोस्ट के फायदे को देखते किसानों ने इसे अपनाया है। वहीं अब गौमूत्र से बनने वाले जैविक कीट नियंत्रक, जीवामृत, ग्रोथ प्रोमोटर बहुत उपयोगी साबित होंगे। रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के दुष्प्रभाव को देखते किसानों का रूझान जैविक कृषि उत्पादों की ओर बढ़ा है। इससे न केवल कृषि लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। जिले में गोधन न्याय योजनांतर्गत जिले के गौठान में मल्टी-एक्टिविटी के रूप में गौमूत्र खरीदी प्रारंभ है।
कलेक्टर डोमन सिंह ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत गौमूत्र क्रय करने के कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुसार गौमूत्र की खरीदी के बाद उत्पाद तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। समूह की महिलाओं द्वारा गौठान में गौमूत्र संग्रहण किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिले के गौठान में अब तक 263 लीटर गौमूत्र की खरीदी की गई है। गौठान प्रबंधन समिति एवं स्वसहायता समूह द्वारा स्थानीय स्तर पर तथा सी-मार्ट के माध्यम से तैयार उत्पाद का विक्रय किया जाएगा।