दन्तेवाड़ा

जन्म के बाद सांंस-धडक़न नहीं
03-Aug-2022 8:50 PM
जन्म के बाद सांंस-धडक़न नहीं

जिला अस्पताल के डॉक्टरों की कोशिशों ने शिशु को दिया नया जीवन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 3 अगस्त।
प्रसव के बाद हॉर्ट-रेट एवं रेस्पिरेटरी-रेट नहीं दिखाने वाले नवजात को डॉक्टरों एवं एसएनसीयू स्टॉफ ने अपनी कोशिशों से नया जीवन दिया है।

जन्म के बाद नवजात की सांस की गति और हृदय की धडक़न नहीं चल रही थी। लगभग मृतप्राय अवस्था में एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स ने नवजात को तुरंत एसएनसीयू में शिफ्ट किया। एसएनवीयू के प्रभारी डॉ. राजेश ध्रुव और डॉ. अंकिता की सलाह व देखरेख में स्टॉफ नर्स हेड ममता पाल एवं कोहिमा ठाकुर ने तुरंत बैगन मास्क वेंटीलेशन एवं ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित किया। इसके साथ ही नवजात को चेस्ट कंप्रेशन दिया गया।

इसके बाद भी नवजात के शरीर में कोई हरकत नहीं होने पर उसे तत्काल जीवनरक्षक इंजेक्शन दिया गया। करीब 30 मिनट तक लगातार इन प्रक्रियाओं को दोहराने के बाद नवजात में सांस की गति एवं दिल की धडक़न उत्पन्न हुई। शरीर में हलचल शुरू होने के बाद डॉक्टरों को उम्मीद जगी कि नवजात को बचाया जा सकता है।  

दंतेवाड़ा जिले के गीदम के नजदीक हारम गांव में रहने वाली पुलिस आरक्षक लक्ष्मी कश्यप को 19 जुलाई को जिला चिकित्सालय में नॉर्मल डिलीवरी से बेटा पैदा हुआ। प्रसव के बाद से ही नवजात का रेस्पिरेट्री-रेट एवं हॉर्ट-रेट नहीं दिख रहा था। लगभग मृतप्राय अवस्था में उसे तत्काल वहीं के एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों की सलाह पर नर्सिंग स्टॉफ की लगातार कोशिशों, जीवनरक्षक इंजेक्शन तथा बैगन मास्क वेंटीलेशन, ऑक्सीजन सप्लाई और  चेस्ट कंप्रेशन के माध्यम से अस्पताल स्टॉफ को नवजात की सांस और धडक़न लौटाने में कामयाबी मिली। डॉक्टरों एवं एसएनसीयू नर्सिंग स्टॉफ की मेहनत से नवजात में हृदय की धडक़न और श्वास दर आने के बाद जांच एवं उपचार के लिए 11 दिनों तक एसएनसीयू में रखा गया।

अच्छी देखभाल और इलाज के बाद नवजात धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ गया है। स्तनपान के साथ ही सामान्य शिशुओं की तरह हरकत, दिल की धडक़न एवं सांस की गति सामान्य हो गई है। सारे पैरामीटर्स सामान्य होने के बाद शिशु को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है।

शिशु के माता-पिता आरक्षक दम्पत्ति लक्ष्मी कश्यप और दयानंद कुमार ने अपने नवजात को पुनर्जीवन देने के लिए दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के एसएनसीयू के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने एसएनसीयू स्टॉफ को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी लगातार कोशिशों, इलाज और देखरेख से अब उनका बेटा सामान्य अवस्था में आ गया है। बेटे के पूर्णत: स्वस्थ होने से पूरा परिवार बेहद खुश हैं।

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