राजनांदगांव
कलकत्ता के पेशेवर मूर्तिकारों का शहर में डेरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 अगस्त। विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्तियां आकार लेने लगी है। शहर में कलकत्ता के पेशेवर मूर्तिकार इस माह के आखिरी दिन शुरू हो रहे गणेश पर्व के लिए मूर्तियों को अलग-अलग रूप में तैयार कर रहे हैं। मसलन बड़ी मूर्तियों के साथ छोटी किस्म की मूर्तियां आर्डर में तैयार की जा रही है।
कोरोनाकाल के कारण पिछला दो साल मूर्तिकारों के लिए आर्थिक रूप से संघर्षभरा रहा। मूर्तिकारों के सामने जीवनयापन की समस्या खड़ी हो गई थी। कई मूर्तिकार शहर से वापस अपने पैतृक क्षेत्रों में लौट गए थे। राजनांदगांव शहर में पारंपरिक रूप से गणेश पर्व का एक अलग ही महत्व है। शहर में 11 दिन तक गणेश पर्व को एक व्यापक रूप में मनाया जाता है। कई समितियां पर्व को मनाने के लिए जोर लगाती है।
वहीं विसर्जन से पूर्व की रात नयनाभिराम झांकियां पूरे प्रदेश में प्रख्यात है। इस बीच शहर के गांधी चौक में कलकत्ता से आए मूर्तिकार चतुर्वेदी ने उम्मीद जताई है कि 31 अगस्त से शुरू हो रहे गणेश पर्व में मूर्तियों का कारोबार गुजरे सालों की तुलना में बेहतर रहेगा। मिट्टी से तैयार किए जा रहे मूर्तियां विशुद्ध रूप से पर्यावरण के अनुरूप है। यानी मूर्ति निर्माण में केमिकल और पर्यावरण विरोधी तत्वों का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
शहर के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी मूर्तियों की बुकिंग शुरू हो गई है। वैसे पिछले तीन माह से मूर्तिकारों ने योजनाबद्ध तरीके से प्रतिमाओं को तैयार करने के लिए डेरा लगाया हुआ है। आने वाले दो माह तक अलग-अलग पर्वों में मूर्तियों की मांग रहेगी। गणेश पर्व से पहले जन्माष्टमी में भी श्रीकृष्ण की मूर्तियां आंशिक रूप से खरीदी-बिक्री होगी। चंर नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की मूर्तियां को भी तैयार करने का काम शुरू होगा।