कांकेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 5 अगस्त। बड़ी सुविधा के साथ अच्छी कमाई करने का प्रलोभन देकर बेंगलुरु में बंधक बनाए गए बस्तर संभाग के 14 बाल मजदूरों को मुक्त कराकर आज कांकेर लाए गए।
इन बाल मजदूरों को टमाटर सब्जी कंपनी मटनली में बंधक बनाकर उनका श्रम शोषण किया जा रहा था। कंपनी के मालिक से कलेक्टर द्वारा सभी मजदूरों का मजदूरी भुगतान कराया गया, लेकिन नाबालिग बच्चों को दूसरे राज्य में ले जाकर बंधक बनाने व उनके साथ हुए शोषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आमाबेड़ा तहसील के शिवलाल पाण्डे द्वारा 17 वर्षीय मेरे बेटे एवं विरेन्द्र यादव को बेंगलुरु ले जाने की शिकायत महिला एवं बाल विकास विभाग में किया गया। जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देशानुसार छ: सदस्य टीम का गठन कर 26 जुलाई को बच्चों को लाने के लिए बेंगलुरु भेजा गया।
संयुक्त टीम में बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया, संरक्षण अधिकारी त्रिसंध्या साजू, श्रम निरीक्षक निम्मी साहू, आमाबेड़ा थाना के सहायक उप निरीक्षक कैलाश पाण्ड़ेय, प्रेमलाल मरकाम और अजाक थाना के शारदा यादव के टीम द्वारा रेस्क्यू करते हुए सरजापुर पुलिस की मदद से टमाटर सब्जी कंपनी मठनली में बच्चों का चिन्हांकित कर 14 मजदूरों को बेंगलुरु से वापस कांकेर लाया गया, जिसमें कांकेर जिले के 7, कोण्डगांव के 5, नारायणपुर और बालोद जिले के एक-एक मजदूर शामिल हंै। रेस्क्यू टीम द्वारा फार्मर रमेश नायडू से बच्चों को प्रतिदिन मजदूरी के हिसाब से भुगतान करवाया गया।
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा सभी 14 बाल मजदूरों को 2 लाख 28 हजार 940 रूपये का राशि प्रदाय किया गया।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस.पी वैद्य, डीएसपी डॉ. अनुराग झा, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सीएस मिश्रा, श्रम विभाग के सहायक संचालक पंकज बिजपुरिया सहित बच्चो के परिजन उपस्थित थे।