राजनांदगांव

शिकायत और अपेक्षा श्रद्धा में सेंध लगाती है- हर्षित मुनि
07-Aug-2022 7:32 PM
शिकायत और अपेक्षा श्रद्धा में सेंध लगाती है-  हर्षित मुनि

राजनांदगांव, 7 अगस्त। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि सफल होने के लिए धैर्य और समर्पण की भावना जरूरी है। शिकायत और अपेक्षा श्रद्धा में हमेशा सेंध लगाती है। दूरी मायने नहीं रखती, भीतर की भावना महत्व रखती है। शबरी ने धैर्य रखा, राम आखिर उनके यहां गए। जबकि उनके पास कुछ भी नहीं था। हमारी भक्ति, तपस्या, साधना कभी खाली नहीं जाती। हमें धैर्य रखना चाहिए।

समता भवन में अपने नियमित प्रवचन के दौरान हर्षित मुनि ने कहा कि प्रकृति हमें धैर्यवान और सहनशील बनाना चाहती है, तभी हम सफल हो सकते हैं, किंतु हम धैर्य नहीं रख पाते और हम अपने लक्ष्य के आसपास भटकते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी भावना कहां-कहां चली जाती है। मन स्थिर होगा तो श्रद्धा भी स्थिर होगी। गुरु महाराज बच्चों का पूरा ध्यान रखते हैं, परंतु छोटी-छोटी अपेक्षाओं पर ध्यान नहीं देते। बच्चा यदि गिर जाता है तो मां दौडक़र चली जाती है। ऐसे में बच्चा, कच्चा रह जाता है। व्यक्ति यदि तृप्त हो तो दूर से दर्शन में ही वह तृप्त हो जाता है, नहीं तो गुरुदेव कितने भी दर्शन दे दें ।

समय दे दें , वह तृप्त नहीं हो पाएगा। यह जानकारी विमल हाजरा ने दी।
 

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