रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 अगस्त। अग्रसेन सेवा संघ रायगढ़ का प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव पहली दफा विवाद के भेंट चढ़ता नजर आ रहा है।
अध्यक्ष व सचिव पद को लेकर दो पैनल बन गए हैं और इस चुनाव के लिये आज हुई बैठक के दौरान विवाद की स्थिति बन गई। जिसमें एक पक्ष ने चुनाव अधिकारी पर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है तो दूसरी ओर चुनाव अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल का कहना है कि दूसरे पक्ष के सचिव पद के उम्मीदवार निर्मल अग्रवाल के द्वारा उनके टेबल में रखे कागजात तथा प्रत्याशियों के पंजीयन पत्र को इधर उधर किया गया और उनसे दुव्र्यवहार किया गया। जिसके चलते चुनाव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
अग्रसेन सेवा संघ के चुनाव को लेकर दोनों पक्षो के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होनें के बाद दूसरे पक्ष से सुरेश गोयल, निर्मल अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि चुनाव अधिकारी द्वारा एकता पैनल के अधिकांश नामांकन में छोटी मोटी खामियां बताकर निरस्त कर दिया गया। जिसमे महिलाओ के फार्म भी शामिल थे। वही दूसरे पक्ष के सचिव पद पर खड़े प्रत्याशी के अपराधिक मामलों की प्रमाणिक जानकारी की शिकायत का निराकरण नही किया गया। एक पक्ष विशेष को प्रत्याशियों को तवज्जो दिए जाने को लेकर अधिकांश सदस्यो ने नाराजगी जाहिर की। जानबूझ कर ऐसी स्थिति निर्मित हो ताकि चुनाव में विवाद की स्थिति पैदा कर एक पक्ष विशेष को लाभ पहुंचाया जा सके। पूर्व में हुए संपन्न चुनावो के दौरान भी इस कथित चुनाव अधिकारी को भूमिका संदिग्ध रही थी।
इस बार यह आक्रोश खुलकर सामने आ गया। चुनाव अधिकारी के इस मनमाना व पक्ष पात पूर्ण रवैए से आक्रोश उपजना स्वाभाविक था।
एकता पैनल से जुड़े शताधिक सदस्यो की आपातकालीन बैठक भी होटल पुष्पक में आहूत की गई जिसमे बदलाव को लेकर बिगुल फुकते हुए बिना समय दिए ही गुपचुप चुनाव कराए जाने को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है।
अधिकांश सदस्यो ने चुनाव के लिए पर्याप्त समय दिए जाने की मांग रखी थी। लेकिन चुनाव अधिकारी इस हेतु तैयार नहीं थे। सदस्यों के बिना समय के ही चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया। लेकिन नामांकन के दौरान एक पक्ष विशेष से जुड़े प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त किए जाने एवं चुनाव अधिकारी के दुव्र्यवहार पूर्ण रवैये की वजह से आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस बात को भी लेकर सवाल उठे कि चुनाव अधिकारी आखिर किसके दबाव में काम कर रहे थे ? बढ़ते विवाद को देखकर पुलिस बल भी बुलाया गया और दोनो पक्षों के मध्य शांति वार्ता का प्रयास किया गया। बढ़ते विवाद को लेकर चुनाव अधिकारी ने चुनाव स्थगित करने की घोषणा की।
वहीं इस मामले में चुनाव अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल का कहना है कि उनके द्वारा अपने पद की गरिमा के अनुरूप नियमानुसार कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान दूसरे पक्ष से सचिव पद के उम्मीदवार नवल अग्रवाल के द्वारा पंजीयन के कागजातों को उनके टेबल से उठाकर अपने कब्जे में ले लिया गया और पुलिस में जाने की बात कही गई। उनके द्वारा इस बात का प्रतिकार करने पर एकता पैनल के प्रत्याशियों के द्वारा उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। जिसके चलते अग्रवाल सेवा संघ के चुनाव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।