राजनांदगांव
पखवाड़ेभर बाद लौटे मानसून से सूखते खेतों को मिला जीवन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 अगस्त। कडक़दार गर्जना लिए आधी रात मूसलाधार बारिश होने से बांध-बैराज फिर से छलक रहे हैं। पखवाड़ेभर बाद लौटे मानसून ने सूखते खेतों को जीवनदान दिया है। उमस और तेज पड़ती गर्मी से खेतों के पानी तेजी से सूखने लगे थे। ऐसे में किसानों के सामने फसलों को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई थी। तकरीबन 15 दिन बाद मानसून ने फिर से अपनी सक्रियता दिखाई है। बीती रात को लगभग एक से 2 बजे के बीच तेज गर्जना के साथ पड़ी फुहारें कुछ मिनटों में बड़ी बूंदों में बदल गई। तेज रफ्तार लिए घंटों बादल बरसते रहे, जिस वजह से लगभग रातभर हर थोड़े अंतराल में बादल घुमड़ते हुए बरसे।
इधर खेत-खलिहानों के साथ-साथ बांध-बैराज भी भर गए हैं। ऐसी दशा में बड़े बैराजों से पानी छोडऩे का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। मोंगरा बैराज में पिछले कुछ दिनों से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। आधीरात की बारिश के बाद मंगलवार तडक़े 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं दूसरे बैराजों में भी पानी छोडऩे का सिलसिला चल रहा है। घुमरिया बैराज से 1500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि खातूटोला और सूखानाला बैराज में पानी का भराव शुरू हुआ है। पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान सभी बैराजों से पानी छोड़ा गया था।
मोंगरा के पानी से शिवनाथ की रफ्तार बढ़ी है। स्थानीय मोहारा एनीकट लबालब है। जिले की सहायक नदियों के कारण शिवनाथ का जलस्तर औसतन बढ़ा हुआ है। यानी इस साल अच्छी बारिश से शिवनाथ का स्वरूप पिछले कुछ दिनों से व्यापक रूप में बरकरार है। उधर खेतों में बारिश का प्रतिकूल असर दिख रहा है। पिछले 24 घंटे में राजनंादगांव जिले में 28 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। खेतों के लिए यह पानी फायदेमंद है। पखवाड़ेभर से बारिश नहीं होने से किसानों के माथे में चिंता की लकीर साफ दिख रही थी। मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब क्षेत्र बनने से अच्छी बारिश की संभावना जताई है। जिले के पठारी और जंगली क्षेत्रों में ज्यादा बरसात हुई है। खेतों में पानी भरते ही फसलें खड़ी होने की कगार पर दिख रही है। किसानों के लिए यह पानी अमृत तुल्य है।