धमतरी

शहर की बदहाल ट्रैफिक ने 7 महीने में ली 65 लोगों की जान
09-Aug-2022 4:02 PM
शहर की बदहाल ट्रैफिक ने 7 महीने में ली 65 लोगों की जान

207 के हाथ-पैर टूटे, जाम में फंस रहा एंबुलेंस

सुभाष साहेब

धमतरी, 9 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। ट्रैफिक की बदहाली ने जिलेभर में 7 महीने में ही 65 लोगों की जान ले ली, जबकि 200 से अधिक लोगों के हाथ, पैर टूट गए। कई गंभीर मरीजों का इलाज अस्पताल में जारी है। बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधर पा रही। डीएसपी मणिशंकर चन्द्रा, आरआई केदेव राजू सहित करीब 42 पुलिस अधिकारी, जवान ट्रैफिक में पदस्थ है। हालात ऐसी की जाम में एंबुलेंस तक फंस रहे हैं। इस वजह से गंभीर मरीजों की जान भी आफत में आ रही हैै।  

शहर के आउटर में अलग-अलग पालियों में चालानी कार्रवाई के लिए टीम पहुंचती है। सडक़ों पर बदहाल यातायात व्यवस्था के चलते राहगीर परेशान हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से 24 घंटे वाहनों का दबाव है। दिनभर में 4 से 5 हजार छोटी-बड़ी वाहन गुजरते हैं, ऐसे में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके अलावा शहर में गाडिय़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसे सुचारू रूप से चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ट्रैफिक को सुधारने करीब 42 पुलिस अधिकारी, जवान पदस्थ है। इनके से कुछ जवान बदहाल व्यवस्था को संभालने की बजाय चौराहों पर फोन में बतियाते रहते हैं, या अपने दोस्तों से सडक़ किनारे बात करने में मशगूल दिखाई देते हैं। कई बार बिना चालान पर्ची दिए पैसे ले लिए जाते हैं। वाहन चालक सोमेश साहू, गौकरण पटेल, भोलाराम बनपेला, रामकुमार नेताम ने बताया कि गाड़ी के सारे कागजात रहने के बाद भी चालान काट दिया जाता है।

नो एंट्री नियमों की उड़ रही धज्जियां
शहर से होकर बड़ी संख्या में तेज गति से चलने वाले हाइवा ने अब तक कई लोगों की जान ले ली। कई अपंग होकर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से प्रतिबंध होने के बाद भी रात 8 बजे के पहले शहरी क्षेत्र में खुलेआम हाइवा का संचालन हो रहा है। ज्यादातर लोग रात के समय में ही बाजार जाते हैं. ऐसे में नो एंट्री एरिया में हाइवा चलने से हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। रोजाना एक ही समय में 50 से ज्यादा हाइवा चलते हैं। इन हाइवा पर रेत, गिट्टी लोड कर दिन-रात परिवहन किया जा रहा है, लेकिन हैरत की बात यह है कि यातायात पुलिस और जिला प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।

7 महीने में ही 65 लोगों की मौत
बीते 7 महीने में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं में 65 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस बीच कुल 180 सडक़ दुर्घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 207 लोग घायल हुए है। जबकि बीते साल जनवरी से लेकर जुलाई महीने में कुल 194 सडक़ दुर्घटनाएं हुई थी, जिसमें 99 लोगों की जानें चली गई थी। 195 लोग घायल हुए थे। हालांकि बीते साल की अपेक्षा सडक़ दुर्घटनाएं कम हुई, लेकिन मौतों का यह आंकड़ा अब भी काफी डराने वाला है। ट्रैफिक शाखा के मुताबिक वर्ष-2021 में कुल 331 सडक़ दुर्घटनाएं हुई थी, जिसमें गंभीर रूप से चोटें आने से 167 लोगों की मौत हो गई। जबकि 317 लोग घायल हो गए।
सडक़ दुर्घटना एक नजर
माह-     दुर्घटना-     घायल-     मौत
जनवरी-     35-     33-     14
फरवरी-     38-     36-     16
मार्च -     28-     27-     11
अप्रैल-     25-     29-     04
मई-     18-     50-     08
जून-     19-     16-     09
जुलाई-     16-     16-     03
कुल-     179-     207-     65
ट्रैफिक की समीक्षा कर व्यवस्था सुधारेंगे-एएसपी
एएसपी मेघा टेंभुरकर ने कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने समीक्षा होगी। जिन स्थानों पर खामियां है, उसे दूर करेंगे। यातायात के लापरवाह अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी होगी।
सडक़ दुर्घटनाएं रोकने हरसंभव प्रयास होगी।

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