राजनांदगांव
कोरोना नियम से बहनों का लगातार तीसरे साल भाईयों से मिलने पर रोक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अगस्त। राजनंादगांव जिला जेल में इस बार भी सलाखों में बंद सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों की कलाईयां सूनी रहेगी। रक्षाबंधन के मौके पर एक ओर बाहरी दुनिया में भाईयों में बहनों के हाथ राखी बंधवाने को लेकर खासा उत्साह है। वहीं जेल की चार दीवारी में बंद कैदियों को लगातार तीसरे वर्ष भी राखी बंधवाने का मौका नहीं मिलेगा।
राज्य सरकार के जेल प्रशासन ने राज्यभर के जेल अधीक्षकों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत राखी बंधवाने पर रोक लगा दी है। राजनंादगांव जिला जेल में 398 कैदी अलग-अलग मामलों में सलाखों के पीछे हैं। पिछले तीन साल से लंबी सजा काट रहे कैदियों को बहनों से राखी के बहाने मेल-मुलाकात करने का मौका नहीं मिला है। हर साल कोरोना संक्रमण से पूर्व जेल प्रशासन भाई-बहनों के आपसी मुलाकात के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करता है। इस दौरान जेल में आपराधिक मामलों में सजा काट रहे बंदियों को बहनों को दुलार करने का मौका मिलता है। वहीं बहनें भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती है।
2020 और 2021 के बाद 2022 में भी कोरोना पाबंदी के चलते बहनों को प्रत्यक्ष तौर पर राखी बांधने की व्यवस्था से महरूम रखा है। बहनों के लिए अपनेभाईयों से मुलाकात करने का यह एक यादगार मौका भी रहता है।
इस संबंध में जिला जेल अधीक्षक एसएल नेताम ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि जेल प्रशासन के निर्देश पर बंदियों को राखी बांधने पर रोक रहेगी। उन्होंने बताया कि डाक और जेल स्टॉफ के जरिये मिली राखी कैदियों को दिए जाने की व्यवस्था की गई है। राजनांदगांव जिला जेल में अलग-अलग इलाकों के कैदी सजा काट रहे हैं। रक्षाबंधन पर्व के बहाने बंदियों को बहनों से मुलाकात में कुछ घंटों के लिए परिवारिक सुख नसीब होता है। बहरहाल इस साल भी रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने पर जेल प्रशासन ने सख्ती बरकरार रखी है।