राजनांदगांव
घुमरिया, सूखानाला और खातूटोला से भी छोड़ा जा रहा पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अगस्त। जिले में रिकार्डतोड़ बारिश से मोंगरा बैराज क्षमता से अधिक लबालब हो गया है। वहीं मोंगरा की तुलना में छोटे बैराज भी छलक रहे हैं। सिलसिलेवार तीन दिनी की बारिश से जल महकमे ने अकेले मोंगरा बैराज से 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। एक जानकारी के मुताबिक पिछले तीन साल में अधिकतम 30 हजार क्यूसेक पानी मोंगरा से छोड़ा गया था। इसके बाद यह पहला मौका है, जब आंकड़ 45 हजार क्यूसेक पार गया है। वहीं घुमरिया, खातूटोला और सूखानाला बैराज से भी पानी अनवरत छोड़ा जा रहा है। घुमरिया से 4500 और सूखानाला से 12500 क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी के लिए छोड़ा गया है। खातूटोला बैराज से भी पानी छोडऩे के लिए दबाव बढ़ा है। बताया जा रहा है कि मोंगरा बैराज के 4 गेट से पिछले दो दिनों से अलग-अलग मात्रा में पानी छोड़ा गया है। मोहला-मानपुर और गढ़चिरौली के सरहदी हिस्से में हुई मूसलाधार बारिश से कैचमेंट एरिया से बैराज में पानी पहुंच रहा है। हालांकि बुधवार को बारिश कम होने से बैराज में पानी की आवक कम हुई है। ऐसे में अगले एक-दो दिन में पानी छोडऩे में कटौती भी की जाएगी।
करीब दो सप्ताह बाद मानसून ने फिर से अपनी सक्रियता दिखाई है। इधर खेत-खलिहानों के साथ-साथ बांध-बैराज भी भर गए हैं। ऐसी दशा में बड़े बैराजों से पानी छोडऩे का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। मोंगरा बैराज में पिछले कुछ दिनों से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान सभी बैराजों से पानी छोड़ा गया था। मोंगरा के पानी से शिवनाथ की रफ्तार बढ़ी है। स्थानीय मोहारा एनीकट लबालब है। जिले की सहायक नदियों के कारण शिवनाथ का जलस्तर औसतन बढ़ा हुआ है। यानी इस साल अच्छी बारिश से शिवनाथ का स्वरूप पिछले कुछ दिनों से व्यापक रूप में बरकरार है। उधर खेतों में बारिश का प्रतिकूल असर दिख रहा है। पखवाड़ेभर से बारिश नहीं होने से किसानों में जहां चिंता की शंका नजर आ रही थी।