कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 10 अगस्त। सावन के अंतिम सोमवार को कोपाबेड़ स्थित प्राचीन शिवमंदिर से महाकाल की शाही पालकी अपने लाव-लश्कर के साथ निकली, जो श्मशान व नगर परिक्रमा करते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंची। रास्तेभर सैकड़ों की संख्या में भक्त डीजे की धून पर नाचते-गाते रहे।
तेज बारिश भी नहीं डिगा सकी और भक्त रंग-गुलाल खेलते हुए भगवान महाकाल के जयकरे लगाते रहे। इनके साथ ही बड़ी संख्य में भक्तों ने नारंगी नदी से पवित्र जल लेकर भगवान की अभिषेक के लिए भी साथ-साथ चलते रहें।
मंदिर समिति से मिली जानकारी के मुताबिक वर्षों पहले उज्ज्ैान के नागा संपदा से यहां दुर्लभ चीज मंदिर को मिली है। जिसकी शाही पालको हर साल सावन में पंरपरानुसार उल्लास से निकाली जाती है। जिसमें न केवल नगर के बल्कि दूर-दराज के भक्त भी बड़ी संख्या में शाही पालकी के दर्शन करने पहुंचते हैं।
नगर के विभिन्न चौक-चौराहों पर विभिन्न समितिओं जहां शहर से गुजरते हुए कावरियों व भक्तों को प्रसादी वितरण करते रहे।
लता उसेंडी, जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा मनोज जैन, जसकेतु उसेंडी ,दयाराम पटेल, जैनेंद्र ठाकुर, दिलावर कपाडिय़ा, संतोष पात्र, बंटी नाग, महेंद्र पारख, पप्पू जैन, सनिल भंसाली, यतिंद्र सलाम, धनसूदास, संतोष नाग, अविनाश सोरी, देवेंद्र मौर्य उपस्थित रहे।