राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अगस्त। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि आप माउंट एवरेस्ट के सामने यदि खड़े होकर बोले कि एक दिन मैं तुम्हें फतह करूंगा तू जितना है उतना ही रहेगा, किंतु मैं बढूंगा और तुम्हें फतह अवश्य करूंगा, निश्चित मान लीजिए आप एक न एक दिन सफल अवश्य होंगे। उन्होंने कहा कि सफलता उसे ही शोभा देती है, जिन्होंने जीवन में संघर्ष किया हो।
जैन संत श्री हर्षित मुनि ने समता भवन में अपने नियमित प्रवचन में कहा कि हिम्मत मत हारो और समस्या का समाधान ढूंढो। आपने यदि समस्या का समाधान ढूंढ लिया तो आप महापुरुष बन जाएंगे। महापुरुषों की संघर्ष यात्रा से कुछ तो सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे संघर्षों से ही हिम्मत हार जाते हैं। हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हीरा और कोयले में यही अंतर है कि हीरा ने दबाव सह सहकर अपनी केमिकल बॉडी इतनी विकसित कर ली कि वह चमकदार हो गया। जबकि कोयले ने ऐसा नहीं किया और वह काला का काला ही रह गया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे तप केवल शारीरिक सहनशीलता ही नहीं बढ़ाते, शारीरिक शक्ति ही नहीं बढ़ाते, बल्कि हमारी मानसिकता को भी परिपक्व करते हैं। उक्त जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।