रायगढ़
एनजीटी ने गठित की थी एक्सपर्ट कमेटी कमेटी ने तीन सडक़ों की प्रोग्रेस बताई जीरो
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 10 अगस्त। एनजीटी ने जिन सडक़ों के निर्माण के लिए राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था, वे अभी भी अधूरी पड़ी हैं। एक सडक़ का काम तो शुरू भी नहीं हो सका है। उद्योगों अरौर कोयला खदानों के कारण खराब हो चुकी सडक़ों को बनाने में सरकार का ध्यान रहा ही नहीं। दो सालों से एनजीटी निर्देश दे रही है, लेकिन सडक़ों का काम बेहद धीमा है।
प्रदूषण, फ्लाई एश, खराब सडक़ें, स्वास्थ्य आदि मुद्दों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में केस दायर किया गया था। प्रदूषण दूर करने के अलावा तीन सडक़ों के निर्माण का अल्टीमेटम राज्य सरकार को दिया गया था। सरकार को इन सडक़ों का निर्माण जल्द से जल्द करने का आदेश दिया गया था। वर्ष 2018 में मामला दायर हुआ था, जिसके बाद एनजीटी ने हाईकोर्ट बिलासपुर के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था।
विदित रहे कि कमेटी ने छह महीने तक तमनार और घरघोड़ा क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 111 किमी रोड की हालत बेहद खराब है, तब एनजीटी ने सरकार को 330 करोड़ का फंड मंजूर करते हुए जल्द से जल्द निर्माण का आदेश था। इन सडक़ों में जामपाली से घरघोड़ा 19 किमी , रायगढ़ से धरमजयगढ़ 56 किमी और पूंजीपथरा से मिलूपारा 23 किमी हैं।
विडंबना है कि तीनों में से दो तो ठीक से शुरू ही नहीं हो सकी हैं । एक सडक़ का टेंडर ही नहीं हो पाया है। एनजीटी ने 15 फरवरी 2022 को आदेश देकर अगली सुनवाई 5 अगस्त के पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। ज्वाइंट कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि तीनों ही सडक़ों में कोई प्रोग्रेस नहीं है। इसका खामियाजा उस क्षेत्र के लोग उठा रहे हैं।