रायगढ़

गोधन न्याय योजना में फर्जीवाड़ा, समितियों को बिना खाद बनाए भुगतान भी
10-Aug-2022 5:52 PM
गोधन न्याय योजना में फर्जीवाड़ा, समितियों को बिना खाद बनाए भुगतान भी

पुसौर ब्लॉक का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 10 अगस्त।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना की जहां देश में तारीफ हो रही है वहीं जिले में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां सामने आ रही है। बताया गया कि जिले के पुसौर ब्लॉक में तो कई जगहों पर वर्मी कम्पोस्ट बनाए बिना समितियों को भुगतान भी हो गया।

जनपद सीईओ राजेश कुमार साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि वो ट्रेनिंग के लिए रायपुर आए हुए हैं, और उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है।

बताया गया कि कृषि विभाग के अधिकारियों को गोठानों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इन्हीं गोठानों के गोबर से यहीं महिला स्व सहायता समूह वर्मी कंपोस्ट खाद बनाती है। गोठानों में खाद नहीं होने के बाद भी इसे कागजों में बेच दिया गया, और महिला स्व सहायता समूहों के खाते में पैसे भी आ गए।

पुसौर के दाउभठली गोठान जहां खाद था ही नहीं वहां से 19 मार्च को सहकारी समिति बड़े हल्दी को 1.07 लाख किलो वर्मी कंपोस्ट देने का आर्डर निकल गया (क्यू आर कोड जनरेट करना), बड़े हल्दी सहकारी समिति के मार्फत अपेक्स बैंक ने 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 10 लाख 73 हजार 700 रुपये का भुगतान हो गया। पर किसानों को पूरा खाद अभी तक नहीं मिला है क्योंकि गोठान में खाद है ही नहीं। पुसौर विकासखंड में 51 गोठान हैं। पूरे जिले में 9 विकासखंडों में 545 और 10 नगरीय निकाय में 10 मिलाकर कुल 555 गोठान हैं।

वर्मी कम्पोस्ट को लेकर यह बात भी आई है कि यह 45-60 दिनों में खराब हो जाता है ऐसे में क्यूआर कटने के दो महीने के भीतर ही इसकी डिलिवरी किसानों को करनी होती है। मगर ऐसा नहीं हो पा रहा है। गोठानों में खाद नहीं है जो किसान सीधे वहां जाकर वर्मी कंपोस्ट खरीद रहे हैं उन्हें गोबर छान कर दिया जा रहा है। अब जब किसानों को खेती किसानी के लिए वर्मी कम्पोस्ट देने की बारी आई है तो गोठान के कर्मी गोबर छानकर वर्मी कंपोस्ट के नाम पर दे रहे हैं। इसकी कई जगहों पर शिकायत भी हुई है। 

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