सरगुजा

एक तीर एक कमान सर्व आदिवासी एक समान के नारे से गूंजा नगर
10-Aug-2022 8:50 PM
एक तीर एक कमान सर्व आदिवासी एक समान के नारे से गूंजा नगर

एकजुट होकर अधिकारों की लड़ाई लडऩे का दिया संदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 10 अगस्त।
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज कुसमी द्वारा मंगलवार को स्थानीय हाई स्कूल ग्राउंड में हजारो की संख्या में आदिवासी समाज के लोगों की उपस्थित में समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणी महाराज शामिल हुए। यहाँ पर मुख्य अतिथि सहित आदिवासी समाज के वक्ताओं द्वारा समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लड़ाई लडऩे हेतु एकजुट रहने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के पश्चात समाज के लोगों के साथ चिंतामणि महाराज रैली में पैदल मार्च करते हुवे एसडीएम कार्यालय पहुँचे यहाँ पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपी गई। ज्ञापन सौपने के दौरान चिंतामणि महाराज की धर्मपत्नी श्रीमती रवितला देवी भी साथ- साथ उपस्थित रहीं।

हर वर्ष की तरह इस साल भी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को सर्व आदिवासी समाज द्वारा धूम-धाम से मनाया गया। हाई स्कूल खेल मैदान कुसमी में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने समाज के विभूतियों के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम की शुभारंभ की गई. मुख्य अतिथि विधायक चिंतामणी महाराज ने विश्व आदिवासी दिवस मनाने के सम्बन्ध में बताया कि 23 दिसंबर सन 1944 को सन्युक्त राष्ट्र महासभा ने अपने संकल्प में निर्णय लिया कि हर वर्ष 9 अगस्त को विश्व के सभी देशों में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जाएगा, समाज के लोगों को एक जुट होकर अपने संस्कृति, परंपरा व विविधता को बनाए रखने के लिए विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है उन्होंने कहा कि बगीचा में अनेक प्रकार के फूल होते हैं उसी तरह से आदिवासी समाज में कई पंत धर्म को मानने वाले लोग होते हैं लेकिन इसके बाद भी सब एक है, एकजुटता नही रहने की स्थिति में कई तरह के समस्याओ का सामना करना पड़ेगा पहले विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शासकीय अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित नही हो पा रहे थे लेकिन अब  प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के दिन हर वर्ष 9 अगस्त को छुट्टी देने की घोषणा कर दी गई हैं। हमारी जो सभ्यता संस्कृति है वो गीत के माध्यम से प्रसूत किया जाता है जब तक धरती पृथ्वी रहेगा अपने संस्कृति को बचा कर रखना होगा। आज समाज के लोग शिक्षित होकर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन उनके कंधे पर संस्कृति को भी बचाए रखने की जिम्मेदारी है। इस वर्ष हम आजादी के 75 वर्ष गांठ को अमृत उत्सव रूप में मना रहे हैं घर-घर तिरंगा फहराना हैं, उन्होंने क्षेत्र के जनजातीय समुदाय के बच्चों का जाती प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए अधिकारियों को इसके लिए विशेष शिविर लगा कर समाधन करने हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देकर अवगत कराया।
सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक राजेंद्र प्रसाद भगत ने कहा की आज विश्व के सारे क्षेत्रो में जहाँ भी जनजाति समाज के लोग हैं वहाँ यह त्योंहार मनाया जा रहा हैं। आगे कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देखा गया कि कुछ देशों में ऐसे वर्ग के लोग निवास कर रहे हैं जो मुख्य धारा से अलग जीवन जी रहे थे इनके समस्याओ को देखते हुए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई जिससे कि इस दिन मंच में बैठ कर समाज के समस्याओ का मंथन कर सके आज का दिन अपने आप को समझने का दिन हैं संविधान को बचाने का दिन हैं उन महापुरुषों को याद करने का दिन हैं जिन्होंने समाज उत्थान के लिए अपने जीवन को न्योछावर कर दिया उनके कार्यो को सतत रूप से याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर इस परम्परा को आने वाले पीढ़ी को याद दिलाना होगा।

जनपद सदस्य खसरू बुनकर ने कहा कि समाज के लोगों की शिकायत रहती हैं कि किसी त्योहार खास मौकों पर ही समाज के लोगों की पूछ परख की जाती हैं इसके बाद उनके समस्याओ को नजरअंदाज कर दिया जाता हैं इस विषय पर भी विचार करने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धिरजन उरांव ने कहा कि समाज को नशा मुक्ति की ओर ले जाने की जरूरत है गाँव गांव में आदिवासी दिवस को मनाना चाहिए, आदिवासी समाज के संस्कृति को बचाए रखने के लिए सभी को कार्य करना होगा। नगर पंचायत अध्यक्ष गोवर्धन भगत ने भी आदिवासी समाज के संस्कृति परंपरा को बनाए रखने पर जोर देते हुए नृत्य के माध्यम से कहा कि हमे अपने जमीन से जुड़े रहकर कार्य करना होगा हमारी संस्कृति की जो पहचान हैं नाच गाना बजाना उसे भी समझना होगा. गोवर्धन भगत ने मंच में क्षेत्रीय भाषा में लोक गीत गाकर उपस्थित सभी का मन मोह लिया। सभा को जपं अध्यक्ष हुमन्त सिंह, फादर मार्टिन, सहित अन्य ने भी सम्बोधित किया कार्यक्रम का संचालन संतोष इंदीवार एवं जितेन्द्र एक्का ने किया कार्यक्रम के बीच बीच में क्षेत्र के स्कूली बच्चों द्वारा परंपरागत नृत्य व गीत की भी प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में पहुँचे ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हरीश मिश्रा का भी समाज के लोगो ने स्वागत किया. समाज के लोगों ने अंत में रैली निकालकर अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम कुसमी चेतन साहू को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान बहादुर राम, उरांव समाज के देवान रामचंद्र राम,इंददेव नाग,डीडीसी हिरमुनी निकुंज, सरपंच संघ की अध्यक्ष बसंती भगत,श्रीकोट सरपंच सुनीता भगत,मंडी अध्यक्ष बालेश्वर राम,पवन साय सोनवानी,  लक्ष्मी प्रसाद निकुंज, हरिशंकर सोनवानी, ओम प्रकाश सोनवानी,बोधन राम, दीपक बुनकर सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

वन अधिकार पट्टा, राशन कार्ड वितरण सहित पहाड़ी कोरवा के एक व्यक्ति को नौकरी
आज के इस विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के मुख्य आतिथ्य में कुसमी विकासखंड के 40  व्यक्तियों को बलरामपुर कलेक्टर के निर्देशानुसार  अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के मार्गदर्शन में  समुदायिक वन अधिकार के 04 पत्र ,व्यक्तिगत वन अधिकार के 15 पत्र ,साथ ही वन संसाधन वन अधिकार के 21 पत्र आदिवासी विकास विभाग बलरामपुर द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवम मंडल संयोजक कुसमी  हरिशंकर सोनवानी के नेतृत्व मुख्य आतिथ्य संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज  के कर कमलों द्वारा   कुल 40 व्यक्तियों को वन अधिकार पट्टा को  वितरण किया गया , साथ ही 10 व्यक्तियों को राशन कार्ड का वितरण किया गया , आदिवासी आदिम जाति कल्याण विभाग बलरामपुर द्वारा विशेष  पहाड़ी कोरवा के एक व्यक्ति को नौकरी दी गई । साथ ही आज के इस विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बलरामपुर जिला के लिए 28 सूत्रीय मांगो को छत्तीसगढ़ राज्यपाल के नाम कुसमी एसडीएम को संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपते हुए उचित मांगो को पूरी करने की अपील की गई।

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