रायपुर

प्रकृति की सेवा, परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग भोजली पर्व: राज्यपाल सुश्री उइके
11-Aug-2022 7:09 PM
प्रकृति की सेवा, परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग भोजली पर्व: राज्यपाल सुश्री उइके

रायपुर, 11 अगस्त। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके गुरुवार को इंडोर स्टेडियम में गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति के राष्ट्रीय भोजली महोत्सव में शामिल हुई। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही नगाड़ा और मांदर की थाप पर परंपरागत नृत्य करते हुए राज्यपाल सुश्री उइके का आत्मीय स्वागत किया गया और समिति के सदस्यों ने सम्मान स्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ी आभूषण पहनाया। इस दौरान राज्यपाल ने भोजली माता और बड़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री उइके ने भोजली पर्व और रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आज यहां देश के विभिन्न राज्यों से जनजातीय समाज के लोग भोजली के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकजुट होकर त्यौहार मनाना दर्शाता है कि जनजातीय समाज में भोजली पर्व का कितना महत्व है। राज्यपाल ने भोजली पर्व मनाने की परंपरा और इस दौरान आयोजित होने वाली गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि लोग भोजली माता से हरियाली और अच्छे फसल की कामना करते हैं। भोजली अनादिकाल से चली आ रही परंपरा व संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह मूलतः अन्न माता व प्रकृति की सेवा है। अंकुरित बीज के पल्लवित रूप की भोजली माता के रूप में सेवा की जाती है। 

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लिए गर्व की बात है कि एक आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च पद पर है, जो समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा और वे अपने अधिकारों के प्रति सजग होंगे। 

राज्यपाल ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को सफल बनाने के लिए राष्ट्र ध्वज लहराकर राष्ट्र के प्रति सम्मान व्यक्त किया और लोगों से घर-घर में राष्ट्र ध्वज लगाने का आह्वान भी किया। भोजली महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समुदाय के युवाओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।  सुश्री उइके ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए युवाओं का उत्साहवर्धन किया और उनकी सराहना की।

इस दौरान पूर्व मंत्री एवं  विधायक  बृजमोहन अग्रवाल, महापौर  एजाज ढेबर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।भोजली व रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, गोंडवाना गुरूदेव  दुर्गेभगत जगत एवं माता दुर्गेदुलेश्वरी, समिति के प्रांता संरक्षण सिया मंडावी एवं प्रांता संयोजक लच्छन मरकाम उपस्थित थे।

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