रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 अगस्त। राज्य सरकार द्वारा 6 प्रतिशत डीए देने का आदेश जारी कर दिया गया है लेकिन 88 संगठनों और तीन लाख से अधिक सदस्यों वाले फेडरेशन ने इसे नामांजूर कर दिया है और हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
फेडरेशन ने घोषणा के मुताबिक अपनी 22 से बेमुद्दत हड़ताल पर निर्णय लेने का फैसला किया था। चूंकि घोषणा नहीं हुई इसलिए सभी संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। फेडरेशन के सभी संयोजकों से कहा है कि वे हड़ताल के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तैयारी शुरू कर दें। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रमुख संरक्षक पी आर यादव ने अपने सभी पदाधिकारी, अध्यक्ष जिला -तहसील, विकासखंड शाखाएं ,संबद्ध संगठन तथा विभागीय समिति के अध्यक्ष/ संयोजकों से कहा कि 22 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अडिग रहे। अपने पास सिर्फ 16 से 18 अगस्त, 3 कार्य दिवस है ।इसलिए इन तीन दिनों का उपयोग युद्ध स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का फॉर्म भराएं । हड़ताल फॉर्म भराने के लिए प्रत्येक कार्यालय, संस्था एवं स्कूलों में संपर्क कर अपने समक्ष आवेदन भरा कर सक्षम अधिकारी को जमा कराएं। हड़ताल का माहौल बनाने के लिए सभी कार्यालयों में यह नारे लगाते हुए प्रवेश करें। यादव ने कहा कि 5 दिनों के हड़ताल अवधि के वेतन कटौती की चिंता यदि आप करेंगे तो महंगाई भत्ते से भविष्य में वंचित हो जाएंगे। इसलिए यह कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए निर्णायक संघर्ष है, इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहिए।
सरकार करें पुनर्विचार करें
फेडरेशन से जुड़े शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा है कि यह संघर्ष प्रदेश के कर्मचारियों के अस्मिता एवम् स्वाभिमान का है। फेडरेशन केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवम् सातवें वेतनमान अनुसार गृह भाड़ा भत्ता के लिए आंदोलनरत है।
सरकार ने हमें 6 फीसदी डीए का प्रस्ताव 14 अगस्त को दिया था। हमने छत्तीसगढ़ के आम कर्मचारी-अधिकारियों के भावनाओं के विरुद्ध होने के कारण अस्वीकार कर दिया है। अपने अधिकार के लिए चौथे चरण का संघर्ष 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का बिगुल फूँक दिया है।
पेंशनरों के साथ घोर अन्याय
छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ राज्य में भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पेंशनर्स के लंबित मंहगाई राहत के मामले में घोर अन्याय कर रही हैं मध्यप्रदेश सरकार के 11 फीसदी के प्रस्ताव पर कटौती कर 5 फीसदी महंगाई राहत मई 22 से बढ़ाने का प्रस्ताव देकर छत्तीसगढ़ सरकार स्वयं आदेश जारी करना भूल गई है
चार साल चार महीने के एरियस पर चुप्पी
राज्य सरकार ने 6 फीसदी डीए बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश ने कर्मचारी फेडरेशन में आक्रोश और बढ़ा दिया है। फेडरेशन का कहना है कि व्यवस्थानुसार डीए,जनवरी-जुलाई में देय होता है। लेकिन सरकार ने जनवरी में तो दिया नहीं और आज के आदेश में डयू डेट जुलाई न होकर अगस्त किया गया है,जो उचित नहीं हैं। इसके अलावा पेंशनर्स को देय मंहगाई राहत पर भी कोई फैसला नहीं किया गया है। आदेश में 4 वर्ष 4 महीने से बकाया 12 प्रतिशत के भुगतान को लेकर भी चुप्पी साध ली है। इससे कर्मचारियों को 60 हजार से एक लाख रूपए का नुकसान हो रहा है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि सभी 88 संगठनों ने 6 प्रतिशत डीए को अस्वीकार कर हड़ताल पर जाने अडिग हैं।