महासमुन्द
ओवरहैड टैंक भी नहीं भर पाया, शहर में पानी की किल्लत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 अगस्त। महानदी का जलस्तर बढ़ते ही शहर की पानी सप्लाई एक बार फिर प्रभावित हो गई है। कल मंगलवार सुबह ओवरहैड टैंक से शहर के 80 हजार आबादी को पानी नहीं मिला। इसका कारण महानदी जल स्तर बढऩे से रेत व कचरा बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि नदी के पानी का रेत और कचरा महानदी में बने इंटकवेल के मुख्य वॉल में जमा हो गया है। इसकी वजह से नदी का पानी बेलसोंडा स्थित फिल्टर प्लांट में नहीं आ पा रहा था। पानी नहीं आने से शहर का ओवरहैड टैंक भी नहीं भर पाया है। कल दिन भर पालिका कर्मचारी कचरा हटाने के लिए लगे रहे तब कहीं जाकर शाम को ओवरहैड टैंक में पानी भरा। लेकिन शाम को भी शहरवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिला। आज सुबह भी शहर में पानी की किल्लत हुई है।
वर्तमान में महानदी में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। गंगरेल बांध से 1 लाख क्यूसेस पानी छोड़ा जा रहा है। पिछले सप्ताहभर से गंगरेल के कैचमेंट एरिया में एक लाख क्यूसेस पानी की आवक बांध में बनी हुई है। नदी में पानी का बहाव तेज है और साथ में रेत भी बह रहा है। पानी का रंग मटमैला हो गया है। इसे देखते हुए रात में निसदा डैम के महासमुंद की ओर बने 24 गेट खोल दिए गए हैं।
इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग ने बताया कि लगातार हो रहीं बारिश के कारण महानदी उफान पर है। इसके चलते निसदा डायवर्सन के सभी गेट खोल दिये गये हंै। वहीं अधिक जल भराव के कारण इंटेकवेल में रेत व नदी के बहाव में आने वाले कचरा फंसने से फिल्टर प्लांट तक पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसलिए मंगलवार की सुबह पानी सप्लाई प्रभावित थी। शाम को पानी की सप्लाई हुई है और कर्मचारी कचरा हटाने में जुटे हुए हैं।
(मुढ़ेना इंटकवेल के मुख्य वॉल में हर साल नदी में बाढ़ आने से ऐसी स्थिति निर्मित होती है। इस सीजन में यह दूसरी बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इससे पहले 14 जुलाई को भी मुख्य वॉल में रेत व कचरा घुस जाने से करीब तीन से चार दिनों तक नलों में पानी की सप्लाई प्रभावित थी। अभी भी स्थिति कुछ ऐसी ही रहेगी। क्योंकि पानी का बहाव तेज और जल स्तर बढ़ा हुआ है। शहर में सात पानी की टंकी स्थित है। सभी टंकियों में महानदी का पानी फिल्टर होकर भरता है।
इंटकवेल में रेत भर जाने से नयापारा, नेहरु चौक, पिटियाझर, बस स्टैंड, अटल आवास ओवरहैड टैंक में पानी नहीं भर पाया था। इसलिए सप्लाई प्रभावित थी।)